राष्ट्रीय (14/07/2013) 
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को अक्षरशः लागू करेगी प्रदेश सरकारः मुख्यमन्त्री
मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को अक्षरशः कार्यान्वित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के संबंध में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों और राजकीय विद्यालयों में मिड डे मील योजना के अंतर्गत प्रदान किये जा रहे पके हुए भोजन के संबंध में विधेयक के अंतर्गत निर्धारित पौष्टिक मानकों को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गर्भावस्था तथा लैक्टेशन समयावधि के दौरान निःशुल्क आहार का प्रावधान किया है तथा 6 हजार रुपये का मातृत्व लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। इससे प्रदेश में सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हो रहा है तथा शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने में भी सहायता मिल रही है।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सभी राशनकार्ड धारकों को उपदान दरों पर खाद्यान्न एवं दालें उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि विधेयक के माध्यम से प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक प्रणाली के दायरे से 18.85 लाख व्यक्ति बाहर हो सकते हंै और प्रदेश का खाद्यान्न का मासिक आबंटन 17094 मीट्रिक टन तक कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाना जारी रखेगी, चाहे वे विधेयक के दायरे में आते हों अथवा नहीं। उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि प्रदेश को गेहूं और चावल का कोटा 43,995 मीट्रिक टन प्रति माह के स्तर पर जारी रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को वर्तमान में 20 किलोग्राम गेहूं और 15 किलोग्राम चावल प्रति माह उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। यह खाद्यान्न उपलब्ध करवाते समय परिवार के आकार का संज्ञान नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बीपीएल परिवारों को वर्तमान स्तर पर खाद्यान्न उपलब्ध करवाना जारी रखेगी। उन्होंने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि बीपीएल परिवारों को वर्तमान आबंटन के स्तर पर बीपीएल मूल्य पर ही खाद्यान्न उपलब्ध करवाए जाएं।

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