राष्ट्रीय (23/08/2013) 
निपको पूर्वोत्‍तर क्षेत्र का सबसे बड़ा बिजली उत्पादक


पूर्वोत्‍तर इलैक्‍ट्रीक पावर कॉपोरेशन (एनईईपीसीओ) वर्ष 2012-13 में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र को 56.06 प्रतिशत बिजली प्रदान कर सबसे बड़े बिजली उत्‍पादक के रूप में उभर कर सामने आया है। यह जानकारी केंद्रीय विद्युत मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने आज बिजली मंत्रालय से संबद्ध सलाहकार समिति के अध्‍यक्षता करते हुए दी। श्री सिंधिया ने बताया कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कॉपोरेशन 922 मेगावाट की क्षमता बढ़ाने जा रहा है जिससे इसकी कुल क्षमता 1130 मेगावाट से बढ़कर 2052 मेगावाट हो जायेगी। परियोजनाओं का जल्‍द पूरा करने के लिए निपको आधुनिक परियोजना प्रबंधन सॉफ्टवेयर प्रीमावारा का उपयोग कर रहा है। 

1130 मेगावाट की स्‍थापित क्षमता वाले निपको को इस वर्ष अप्रैल में मिनीरत्‍न की उपाधि दी गई। निपको की य‍ह क्षमता पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में स्‍थापित कुल क्षमता का 47 प्रतिशत है। विभिन्‍न संगठनों जिसमें निपको भी शामिल है द्वारा पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में 19 बिजली परियोजनाओं की स्‍थापना शुरूआत और योजना के विभिन्‍न चरण में हैं। इसमें 3918 मेगावाट क्षमता की 12 पनबिजली परियाजनाएं और 5595 मेगावाट की 4 तापीय बिजली परियोजनाएं सम्मिलित हैं। 

इन बिजली परियोजनाओं की स्‍थापना अरूणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, सिक्किम, मिजोरम और त्रिपुरा में की जायेगी। 1344 मेगावाट क्षमता की 3 बिजली परियोजनाओं की स्‍थापना निजी क्षेत्र द्वारा अरूणाचल प्रदेश में की जायेगी। पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में कुल 58,971 मेगावाट की जल विद्युत उत्‍पादन क्षमता में से सिर्फ़ 2 प्रतिशत अर्थात् 1200 मेगावाट का ही प्रयोग किया जा सका है। निपको अगले पाँच वर्षों में गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों और जैसे सौर और पवन ऊर्जा के प्रयोग से 1500 मेगावाट बिजली उत्‍पादन की योजना बना रहा है। 

बैठक में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में बिजली की स्थिति सुधारने संबंधी प्रयासों पर विचार विमर्श किया गया। समिति की सदस्‍यों ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों में बिजली उत्‍पादन के क्षेत्र में मंत्रालय और निपको द्वारा किये जा रहे प्रयासो की सराहना की। सदस्‍यों ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्‍ध कोयला और गैस की और ध्‍यान दिलाते हुए कहा कि निपको इसका इस्‍तेमाल अधिक बिजली उत्‍पादन के लिए कर सकता है।
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