राष्ट्रीय (14/11/2013) 
भाजपा ने हमेशा किसानों से धोखा किया है-कांग्रेस
रायुपर/14 नवंबर 2013। किसानों के साथ धान के खरीदी मूल्य पर भाजपा की धोखाधड़ी को उजागर करते हुये कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश  नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 2013 के विधानसभा चुनावों के लिये भाजपा के घोषणा पत्र में कहा गया है धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2100 रूपयें प्रति क्विंटल किये जाने की पहल की जाएगी जबकि कांग्रेस का घोषणा पत्र में कहा गया है किसानों से दो हजार रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की जायेगी। धान खरीदी के दो हजार रूपयें प्रति क्विंटल मूल्य में से पांच सौ रूपयें प्रति क्विंटल का भुगतान सीधे-सीधे किसान परिवार के महिला सदस्य के नाम पर किया जायेगा। भाजपा और कांग्रेस के घोषणा पत्र में कही गयी बातो का अर्थ और अंतर स्पष्ट है।
भाजपा को अपने 2008 के चुनावी घोशणा पत्र किये गये 270 रू. बोनस देने के वादा निभाना चाहिये था और किसानों के धान के बोनस की लंबित बोनस राषि जो कुल 3880 करोड़ रू. तत्काल किसानों को भुगतान करना था। धान का समर्थन मूल्य और उस पर घोशित किया गया बोनस किसानों का जायज हक था और है। रमनसिंह सरकार ने बोनस राषि का भुगतान नहीं कर किसानो से वायदा खिलाफी और छल किया है। बिना किसी घोशणा और चुनावी वायदे के केन्द्र की कांग्रेस सरकार के द्वारा देष के किसानों की जरूरतों और धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी किये जाने की आवष्यकता को देखते हुये समर्थन मूल्य में 10 वर्शों में 880 रू. की बढ़ोतरी की है लेकिन भाजपा ने तो 2008 के विधानसभा चुनावों के घोशणा पत्र में 270 रू. बोनस देने का वादा किया और अब मुकर रही है जो कि किसानो से धोखाधड़ी है। यूपीए 1 के 5 वर्शों में 450 रू. की वृद्धि और यूपीए 2 के 4 वर्शों में 430 रू. की वृद्धि को मामूली कहने वाली भाजपा स्पश्ट करें कि एनडीए षासनकाल में 5 वर्शो में की गयी सिर्फ 60 रू. की समर्थन मूल्य की वृद्धि को भाजपा क्या कहती है और क्या मानती है? भाजपा के किसान विरोधी रवैये और धान विरोधी रवैये के यह आँकड़े जीता जागता प्रमाण है। किसानों से छल तो छत्तीसगढ़ में भाजपा ने किया है जिसने 2008 के विधानसभा चुनाव में धान पर प्रतिक्ंिवटल 270 रू. बोनस देने की बात की और नहीं दिया। कांग्रेस की केन्द्र सरकार से धान उठाने वाले किसानों के हित में और छत्तीसगढ़ के किसानों के लिये हर कदम उठाया है। भाजपा के दस वर्श के कार्यकाल में किसान हमेषा प्रताडि़त किये गये किसानों की जमीनों का जबरियां अधिग्रहण किया गया, उनकी जमीनों का माकूल मुआवजा नहीं दिया, छत्तीसगढ़ में 12 लाख किसान मजदूर बना दिये गये, भाजपा राज में भदौरा जैसे जगहों पर किसानों की जमीनों की बेनामी रजिस्ट्रियां मंत्री के परिजनों ने कराई, मंत्री और मंत्री पुत्र किसानों की जमीनों की दलाली करते रहे। भाजपा के कुषासन के कारण, नकली खाद बीज के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुये। धर्मेन्द्र प्रधान को किसानों के हितैशी बनने का नाटक करने के पहले उनकी भाजपा सरकार के द्वारा किसानों पर किये गये अत्याचारों के लिये प्रदेष के किसानों से माफी मांगनी चाहिये।
भाजपा और कांग्रेस के रवैय्ये का अंतर नीचे के आंकड़ो से स्पश्ट है।
एनडीए सरकार के समय 5 सालों में धान का समर्थन मूल्य 1990 से 2004 तक सिर्फ साठ रूपयें बढ़ाया गया था। (490 रू. प्रति  क्विंटल से 550 रू. प्रति  क्विंटल) 
यूपीए 1 में धान का समर्थन मूल्य 5 वर्शों में 2004 से 2009 तक 450 रूपयें बढ़ाया गया। (550 रू. प्रति  क्विंटल से 900 रू. प्रति  क्विंटल)
यूपीए 2 में 2009 से 2013 तक 4 वर्शों में धान का समर्थन मूल्य 430 रूपयें बढ़ाया जा चुका है। (900 रू. प्रति क्विंटल से 1330 रू. प्रति 
क्विंटल)
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