राष्ट्रीय (15/11/2013) 
शराब के आय से विकास की बात है बेमानी: कांग्रेस
रायपुर/15 नवम्बर 2013। आलोक प्रकाश पुतुल| बीबीसी संवाददाता
विकास का ढिंढोरा पिटने वाली भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ में शराब को पैसा कमाने का साधन बनाया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश  कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जसवंत क्लाडियस ने कहा कि राज्य के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस शासनकाल के दौरान वर्ष 2001-2002 में जहां प्रति व्यक्ति बियर की खपत 177 मि.ली., विदेशी  शराब 382 मि.ली., देशी  मंदिरा की 463 मि.ली. हुई थी जबकि रमन राज में पिछले 10 वर्षों में बियर की खपत प्रति व्यक्ति 761 मि.ली. विदेशी  शराब 1 लीटर 113 मि.ली. और देशी  मंदिरा 1 लीटर 190 मि.ली. की खपत हुई। इस तरह पिछले 10 वर्षों में छत्तीसगढ़ में बियर, विदेशी  और देशी  मंदिरा प्रति व्यक्ति खपत में क्रमशः  330 प्रतिशत, 191 प्रतिशत व 157 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि इन आकड़ो में अवैध रूप से लाई गई शराब की बिक्री शामिल नही है। इस तरह भाजपा सरकार ने राज्य में नशाखोरी को बढ़ावा दिया है, जिसकी चपेट में राज्य के कई होनहार युवा और नन्हें बच्चे तक आ गये हैं। भाजपा एक तरफ महात्मा गांधी को आबकारी विभाग के विज्ञापन में प्रचारित करती है दूसरी तरफ आबकारी नीति से प्रदेष को नशाग्रस्त राज्य बना दिया है। अपने आप को भारतीय संस्कृति का संवाहक कहने वाले भाजपा के नेता इस विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिये शराब बांट रहे है। पूरे प्रदेश  में अवैध शराब पकड़े जाने के जो प्रकरण सामने आ रहे है उनमें भाजपा प्रत्याशी  के कई समर्थक व कार्यकर्ता शामिल है। शराब पीने की आदत होने के कारण छत्तीसगढ़ में एक ओर जहां पारिवारिक कलह बढ़ रहा है वही दूसरी ओर लोग अपनी इच्छा को पूरी करने के लिये धन संपत्ति को बरबाद कर रहे है, इसका सीधा असर छत्तीसगढ़ की हमारी माताओ एवं बहनों पर हो रहा है। जनता सब जान चुकी है और अब आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को पराजित करने का निषचय कर चुकी है।
Copyright @ 2019.