राष्ट्रीय (26/11/2013) 
गुजरात में कोई भी सुरक्षित नहीं -डा. चरणदास महंत
रायपुर/26 नवंबर 2013। महिला कार्यकर्ताओं एनजीओ मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और सिविल सोसायटी के सदस्यों का एक प्रतिनिधीमंडल शबनम हाशमी के नेतृत्व में राष्ट्रपति जी से मिलने पर प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष डा चरणदास महंत ने कहा है कि पूरे देश  में विगत 15 तारीख से सत्त इस बात की नाराजगी, दुख, चिंता व्यक्त की जा रही है कि जिस तरह से गुजरात में जासूसी कांड हुआ और इस पर गुजरात राज्य की सरकार चुप्पी साध रही है। नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने ही इस बारे में अभी तक कुछ भी नहीं कहा है। इस चुप्पी को इस तरह से लिय जा रहा है कि जो कुछ देश  के सामने आया वो सही है। इन्ही चिन्ताओं को लेकर महिला संगठन राष्ट्रपति जी से मिले। इसमें राष्ट्रपति जी का हस्तक्षेप जरुरी है क्योंकि अगर ऐसी परम्परा हमारे देश में पड़ गई, तो यह संविधान सम्मत नहीं होगा जिस तरह से गुजरात में कोई भी सुरक्षित नहीं है। यह तो एक युवा आर्कीटेक्ट की जासूसी की बात सामने आई है। गुजरात के कई अधिकारियों ने बयान भी दिए है और बताया भी है कि किस प्रकार से वहां राजनीतिक प्रतिद्वन्दियों का  मुँह बंद कराने के लिये मानव अधिकार एक्टिविक्ट्स का  मुँह बंद करने के लिए और सिविल सोसायटी के सदस्यों को चुप कराने के लिए, शासन-प्रशासन का खुला दुरुपयोग होता है। गुजरात का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। भाजपा के कथित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर जो आरोप लगे है और तथ्य सामने आये है। वह बहुत गंभीर है। महिलाओं के ट्वीट से भाजपा को हो रही परेषानी पूरे देष के समझ से परे है। इतने गंभीर आरोपों पर भाजपा शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छुपाकर मोदी को बचाना चाहती है। सात महिनों में गुजरात की सरकार द्वारा सात महिनों में नागरिकों की 93000 फोन काल सुनने का मामला उजागर हुआ है। गुजरात वासियों की निजता और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन भाजपा सरकार ने किया है। मानवाधिकारों के मामलें में तो गुजरात की भाजपा सरकार ने बहुत खराब काम किया है। जब से मोदी गुजरात संभाल रहे हैं, जनाधिकारों में उल्लंघन की परम्परा बन चुकी है। इन सब चीजों को राष्ट्रपति के संज्ञान में लाया गया है। शबनम हाषमी जी के नेतृत्व में महिला संगठनों ने जो बात उठाई है, यह एक बहुत ही गंभीर मामला है। निष्चित ही देष इस मसले पर चुप रहने वाला नहीं है। इस लड़ाई में पूरे देष के महिला संगठन शामिल है। मोदी, अमितषाह और वो तमाम अधिकारी जो इस कांड में लिप्त थे उनके क्रियाकलापों की एक न्यायिक जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी पाया जाएगा उसे कड़ा से कड़ा दण्ड मिलना चाहिए। इस मामले का खुलासा होना चाहिए। भाजपा के बड़े नेता इस पूरे मामले को रफा-दफा करने में लगे हुए है। भाजपा लगातार इस मामले में सच्चाई छिपाने में लगी है लेकिन जनता के समक्ष आए तथ्यों की जांच होनी चाहिए। वहां के जो पत्रकार हैं, जो वहां के पंूजीपति है, व्यापारी है समाज का कोई ऐसा वर्ग नहीं है कि जिसकी मोदी के गुजरात में फोन टैपिंग ना की हो। मोदी के बारे में इन आरोपों की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीष द्वारा की जायें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। जिस तरह से भाजपा इस मामले को दबाने में लगी है वो बहुत ही आपत्तिजनक है। महिलायें चुप रहने वाली नहीं है। इस मामले में गुजरात सरकार का चरित्र बेनकाब हो चुका है।
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