राष्ट्रीय (16/12/2013) 
आम आदमी पार्टी का राजनीतिक दम्भ लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का मज़ाक उड़ा रहा हैः गोयल
नई दिल्ली, दिसंबर 15 ।   भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री विजय गोयल ने आज कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार  बनाने को लेकर गंभीर नहीं है क्योंकि उसे पता है कि वह जनता को किए गए वायदे सरकार में आने पर पूरा नहीं कर पाएगी और उसकी असलियत सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी  का रूख विरोधाभास का शिकार है क्योंकि एक तरफ इसके नेता सभी राजनीतिक दलों की आलोचना करते हैं और दूसरी तरफ उन्हीं से समर्थन प्राप्त करने के लिए उन्हें पत्र भी लिखते हैं। 

श्री गोयल ने कहा कि यह दुखद है कि आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाने की गंभीर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को एक राजनीतिक  प्रहसन में तब्दील कर दिया है। इस गंभीर प्रक्रिया का तुच्छ राजनीतिक लाभ लेने के लिए दुरूपयोग करना उचित नहीं है। हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस  द्वारा आम आदमी पार्टी को बिना शर्त समर्थन दिया गया है, फिर आप सरकार बनाने की प्रक्रिया को जानबूझकर क्यों लटका रही है। इस मामले में उसे अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

वैसे  आम आदमी पार्टी के इन्हीं नेताओं ने अपने बच्चों की शपथ लेकर कहा था कि भाजपा और कांग्रेस से वे कोई संबंध नहीं रखेंगे और अब यही नेता बातचीत तथा पत्राचार कर रहे हैं। यह आम आदमी पार्टी  की कथनी और करनी में फर्क को जाहिर करता है।

श्री गोयल ने कहा , आम आदमी पार्टी को सीधे एक बार में अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए कि वह दिल्ली में सरकार बनाएगी यां नहीं। इस प्रकार से राजनीतिक दंभ का प्रदर्शन कर उसे दिल्ली के लोगों का अपमान करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का मजाक उड़ाने  का कोई अधिकार नहीं है।

श्री गोयल ने कहा, चूंकि भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं था ओर उसके किसी और पार्टी का समर्थन भी नहीं था, इसलिए बिना किसी शोर-शराबे के उसने उपराज्यपाल से जाकर कह दिया  कि भाजपा विपक्ष में बैठेगी क्योंकि वह सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। अगर आम आदमी पार्टी सरकार बनाना चाहती है तो उसे भी किसी प्रकार के राजनीतिक स्टंट किए बिना सरकार बनानी चाहिए क्योंकि कांग्रेस द्वारा दिए गए बिना शर्त समर्थन से वह चाहे तो सरकार बना सकती है।

श्री गोयल ने कहा कि भाजपा दिल्ली विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी  और हमेशा की तरहं से उसने पूरी विनम्रता के साथ इस जनादेश को स्वीकार किया लेकिन आम आदमी पार्टी  जनभावनाओं का अपमान कर रही है। पिछले कुछ दिनों में इसने कई बार अपना रूख सरकार बनाने के मामले में पलटा है। आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं ने चुनाव परिणाम आने के बाद पहले तो कहा कि वे किसी पार्टी का समर्थन नहीं लेंगे और सरकार नहीं बनाएंगे। इसके बाद उन्होंने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं, कुछ ही घंटों में ये रूख बदल गया। इसके बाद  12 दिसंबर को फिर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि वे सरकार नहीं बनाएंगे।  इसके अगले दिन 13 दिसंबर की सुबह उन्होंने फिर रूख पलटा और कि सारे विकल्प खुले हैं। कुछ ही घंटों बाद उन्होंने फिर कहा सरकार नहीं बनाएंगे और 14 दिसंबर को उपराज्यपाल से मिलने के बाद श्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाने की कवायद के तहत पत्र के माध्यम से कांग्रेस से विचार विमर्श आरंभ कर दिया!

श्री गोयल के अनुसार  आम आदमी पार्टी का यह तेजी से बदलता रूख इस बात का संकेत है कि श्री केजरीवाल और उनके सहयोगी जनता के विश्वास को ताक पर रखकर  सिद्धांतहीन राजनीति कर रहे हैं और दिल्ली की जनता को किए गए वायदों को पूरा करने में उनकी न कोई रूचि है और न ही कोई प्रतिबद्धता। इस पूरे प्रकरण में सबसे दुखद बात यह है कि वे अपने राजनीतिक लाभ के लिए देश की महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक परंपराओं को आहत कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी को  दिल्ली में सरकार बनाने के मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर आघात बंद करना चाहिए।


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