राष्ट्रीय (22/12/2013) 
खुर्शीद मामले में तथाकथित उदार सामाजिक समूहों की दोहरी भाषा-डा. शोभा विजेंद्र

डा. शोभा विजेंद्र ने अपनी एक प्रैस विज्ञप्ति के द्वारा स्वयंभू उदार सामाजिक समूहो की दोहरी बातों की कड़ी आलोचना करी है। उन्होंने कहा की यह बड़ी शर्मनाक बात है कि जो समूह  महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की किसी भी घटना के खिलाफ शोर मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे वह समूह आज खुर्शीद अनवर व उसके परिवार के प्रति अपनी अनुचित सहानुभूति दिखाने में शर्म महसूस नहीं कर रहे हैंद्य डॉण् शोभा ने कहा कि बेशक ये जघन्य अपराध महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक तथाकथित चैंपियन ने किया होए इसकी निंदा अवश्य की जानी चाहिये।

समाजसेवी संस्था सम्पूर्णा की संस्थापिका डा. शोभा विजेन्द्र ने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया में जिस तरह इस मसले को एक तरफा तौर पर पेश किया जा रहा है उससे लगता है कि पीडि़त लड़की को न्याय नही मिल पाएगा।  हर तरफ खुर्शीद की आत्महत्या को महिमा मंडित किया जा रहा है और बलात्कार की शिकार लड़की को ही दोषी ठहराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। समाज की यह प्रवृति बलात्कार को ही बढ़ावा देगी। 

डा. शोभा विजेन्द्र ने सरकार से मांग की है कि वह सारे मामले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराए ताकि सच समाज के सामने आ सके।  क्योंकि इस मामले में बलात्कार करने वाले ने आत्महत्या कर ली है इसीलिए अब दारोमदार न्याय पालिका और पुलिस की जांच पर है कि वह पीडि़त लड़की के ब्यान और अन्य साक्ष्यों के आघार पर सच को उजागर करे। 

उन्होने कहा है कि जिस प्रकार ऐसे मामलों का मीडिया ट्रायल शुरू हो जाता है उससे न्याय का पक्ष सामने आने में दिक्कत होती है। अतः इस मामले में सरकार दिशा निर्देश दे कि मीडिया भी ऐसे मामलों में एक तरफा पक्ष को पेश करने के स्थान पर सही तथ्यों के आधार पर ही अपनी रिर्पोट पेश करें। अक्सर बलात्कारियों को दंड न दिए जाने या उनके खिलाफ पुलिस कार्यवाही न करने की स्थिति में पीडि़त लड़कियां आत्महत्या तक कर लेती हैं । तब समाज और मीडिया मामले को जोर शोर से क्यों नही उठाता।

सम्पूर्णा उन महिला कार्यकर्ताओं की दोहरी भाषा की निंदा करती है जो मणिपुर की एक लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी की प्रशंसा करने के लिए बड़ी संख्या में बाहर आ रही है । इस अपराध का गैर पक्षपातपूर्ण तरीके से अध्ययन किया जाना चाहिए द्य 


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