राष्ट्रीय (27/12/2013) 
रायपुर : रबी फसलों के लिए 1.15 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खेतों को मिलेगा पानी : जल संसाधन विभाग की कार्ययोजना अनुमोदित
इस बार छत्तीसगढ़ में रबी मौसम में किसानों को लगभग एक लाख 15 हजार 578 हेक्टेयर में विभिन्न प्रकार की रबी फसलों के लिए सिंचाई जलाशयों से पानी दिया जाएगा। जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में यहां विभाग के डाटा सेन्टर के सभाकक्ष में आयोजित मुख्य अभियंताओं और अधीक्षण अभियंताओं की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।     विभागीय अधिकारियों ने आज यहां बताया कि अनुमोदित कार्ययोजना के अनुसार इस वर्ष रबी के दौरान महानदी सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत पचास हजार 190 हेक्टेयर, महानदी गोदावरी कछार परियोजना के जलाशयों से 28 हजार 391 हेक्टेयर, हसदेव कछार परियोजना के जलाशयों से 11 हजार 365 हेक्टेयर और हसदेव गंगा कछार परियोजना के जलाशयों से 25 हजार 632 हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। श्री अग्रवाल ने अधिकारियों को इसके लिए जरूरी तैयारी समय से पहले सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एन.के.असवाल तथा प्रमुख अभियंता श्री एच.आर.कुटारे भी उपस्थित थे।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि महानदी परियोजना के अन्तर्गत चार वृहद, पांच मध्यम तथा 302 लघु सिंचाई योजनाओं के जरिए तीन लाख 91 हजार हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता निर्मित हो चुकी है। इसमें से विगत वर्ष 2012-13 में तीन लाख 0696 हेक्टेयर में खरीफ फसलों के लिए पानी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके विरूद्ध किसानों की मांग पर दो लाख 67 हजार 295 हेक्टेयर में पानी पहुंचाया गया। रबी के दौरान 48 हजार 156 हेक्टेयर में पानी की आपूर्ति की गयी। वर्ष 2013-14 में विभाग ने महानदी सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत पचास हजार 190 हेक्टेयर में पानी देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी तरह महानदी गोदावरी कछार के अन्तर्गत इस बार वर्ष 2013-14 में 28 हजार 391 हेक्टेयर में पानी देने का लक्ष्य है। इस परियोजना क्षेत्र में चार वृहद, बीस मध्यम और एक हजार 232 लघु सिंचाई योजनाओं के जरिए विगत कुछ वर्षों में छह लाख 41 हजार 648 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता निर्मित की जा चुकी है। वर्ष 2012-13 में इसमें से किसानों की मांग पर खरीफ के दौरान चार लाख 05 हजार 623 हेक्टेयर में पानी दिया गया और रबी के दौरान किसानों की मांग पर 11 हजार 488 हेक्टेयर में सिंचाई की गयी।
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