राष्ट्रीय (28/05/2014) 
चम्बा व कांगड़ा जिला में लैंटाना हटाने के लिए 310 करोड़ रुपये की योजना
प्रदेश के चम्बा व कांगड़ा जि़लों में 310 करोड़ रुपये की हि. प्र. वन पारिस्थितिकीय जलवायु प्रूफिंग परियोजना आरंभ की जाएगी, जिसके अन्तर्गत वनों एवं चरागाहों को लैंटानामुक्त कर वहां बांस अथवा उपयुक्त चैड़ी पत्तियों की प्रजातियां लगाने का कार्य किया जाएगा।

वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने आज यह जानकारी देते हुए कहा कि कांगड़ा व चम्बा जि़लों में वन प्रबन्धन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन एवं इसके संभावित दुष्परिणामों की रोकथाम के लिए इस परियोजना को तैयार किया गया है। पिछले दिनों जर्मनी सरकार के आर्थिक सहयोग व विकास मंत्रालय के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश के दौरे के दौरान प्रदेश के वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पालमपुर में आयोजित बैठक में इस परियोजना के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की थी। इस योजना की अवधि सात वर्ष निर्धारित की गई है।

उन्होंने कहा कि धौलाधार परियोजना के अनुभव का लाभ उठाते हुए चीड़ की अपेक्षा बान तथा अन्य ओक प्रजाति के वनों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे, जिसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

वन मंत्री ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा स्थानीय समुदायों के क्षमता-विकास के लिए लगभग 25 करोड़ की अतिरिक्त परियोजना को भी सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है, जिसकी अवधि तीन साल होगी। दोनों परियोजनाओं पर प्रदेश सरकार को शत-प्रतिशत अनुदान प्राप्त रहेगा।

जर्मनी के दल ने परियोजना क्षेत्र का विस्तृत दौरा किया और बिरोजा निकासी तथा लैंटाना उन्मूलन के कार्यों का जायजा लिया। दल ने पूर्व में जर्मन सहायता से धौलाधार तथा चंगर परियेाजनाओं के अन्तर्गत किए गए कार्यों को भी सराहा।

इन परियोजनाओं की तकनीकी समीक्षा के लिए जर्मनी सरकार का एक प्रतिनिधि मण्डल फरवरी माह में प्रदेश का दौरा करके अपनी सहमति व्यक्त कर चुका है। पिछले सप्ताह इसी सम्बन्ध में एक अन्य बैठक नई दिल्ली में भी हुई, जिसमें केन्द्र सरकार एवं जर्मन प्रतिनिधि मण्डल के अधिकारियों के बीच इस परियोजना के सम्बन्ध में सहमति बनी।

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