राष्ट्रीय (12/06/2014) 
विकास योजनाओं में आपदा जोखिम कम करने तथा जलवायु परिवर्तन रूपान्तरण पर कार्यशाला आयोजित
भारत सरकार के यूएनडीपी कार्यक्रम के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा आज यहां विकास योजनाओं में आपदा जोखिम कम करने (डीआरआर) तथा जलवायु परिवर्तन रूपान्तरण (सीसीए) पर नीति निर्माताओं और हितधारकों के लिए राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
 अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि एवं पशुपालन श्री दीपक सानन ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आपदा जोखिम कम करना तथा जलवायु परिवर्तन रूपान्तरण दोनों क्षेत्र समुदाय के जोखिम को कम करने तथा सतत् विकास पर केंद्रीत है। राज्य में जलवायु से सम्बन्धित जोखिम को कम के लिए डीआरआर एवं सीसीए नीतिगत लक्ष्य बना रही है।
उन्होंने कहा कि विकास योजना प्रक्रिया में डीआरआर तथा सीसीए को अनिवार्य रूप से शामिल करने तथा प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखने के लिए योजना बनाई जा रही है। इससे न केवल प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम तथा जलवायु परिवर्तन प्रभावों को कम किया जा सकेगा बल्कि खतरा विशेष गतिविधियों की क्षमताओं को भी कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि डीआरआर तथा सीसीए उपायों को विकासात्मक नीतियों में पूरी तरह संस्थापित किया जाएगा और हितधारकों द्वारा प्रत्येक स्तर पर प्रयोग किया जाएगा। मुख्यधारा प्रक्रिया में आपदा जोखिम तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव योजना स्तर से विकास गतिविधियों में अनिवार्य घटक हैं।
यह कार्यशाला विकास योजनाओं में बीआरआर तथा सीसीए के बारे में सरकारी विभागों तथा जिला प्रशासन को अनुकूल बनाने के लिए आयोजित की गई है। इसका उद्देश्य ज्ञान के स्तर तथा ग्रहण करने की प्रक्रिया के स्तर को बढ़ाना तथा डीआरआर तथा सीसीए घटकों के अधोसंरचना पर्यावरण तथा प्राकृतिक एवं सामाजिक कल्याण क्षेत्रों में शामिल करना है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह श्री डी.एस. राणा ने राज्य में आपदा तत्परता स्थिति पर जानकारी दी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन प्रभावों को कम करने के लिए उठाए गए पगों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृह रक्षकों की 100 कम्पनियां उपकरणों के साथ आपदा से निपटने के लिए तैयार की जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य तथा जिला मुख्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
निदेशक पर्यावरण विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी श्री एस.एस. नेगी ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए पगों बारे प्रस्तुति दी।
भारत सरकार के यूएनडीपी, डीआरआर-सीसीए कार्यक्रम के राष्ट्रीय समन्वयक डाॅ. अरूण साहदियो, स्विस विकास निगम एजेंसी नई दिल्ली स्थित स्विस दूतावास में जलवायु परिवर्तन तथा विकास मण्डल के वरिष्ठ विषयक सलाहकार श्री सरीश सिन्हा, भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के निदेशक श्री राजेश कुमार सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान पूसा नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. संजय के बंदयोपाध्याय, केन्द्रीय भवन शोध संस्थान के पूर्व रूड़की के पूर्व कार्यकारी निदेशक डाॅ. आर.के. भंडारी, आपदा प्रबन्धन सैल हिमाचल प्रदेश के प्रमुख डाॅ. आर.के. सूद ने भी इस विषय पर महत्वपूर्ण विचार प्रकट करे।
विभिन्न जिलों के उपायुक्त, सम्बद्ध विभागों के प्रमुख आपदा प्रबन्धन के नोडल अधिकारी एसडीएमए, डीडीएमए के कर्मचारी तथा एटीआई,एसआईआरडी तथा तकनीकी संस्थान के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे।
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