राष्ट्रीय (18/06/2014) 
विजय गोयल ने बिजली कम्पनियों द्वारा वितरण की जांच किए जाने के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखा
नई दिल्ली: 18 जून, 2014: राज्य सभा सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री विजय गोयल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से बिजली कम्पनियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा जो वितरण नेटवर्क को अपग्रेड करने में असफल रही, जिसके परिणामस्वरूप कई घंटों की और अनियमित बिजली कटौती हो रही है। 

उपराज्यपाल को लिखे पत्र में श्री गोयल ने उनसे कहा कि दिल्लीवासियों को इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती के संकट का सामना करना पड़ रहा है। बिजली वितरण कम्पनियां और डीईआरसी दोनों अपने कर्तव्यों को पूरा करने में असफल रही है और उन्हें इसकी भरपाई करने के लिए वर्तमान स्थिति को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। 

श्री गोयल ने कहा कि बिजली कटौती का प्राथमिक कारण बिजली कम्पनियों की खराब वितरण क्षमता है। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार बिजली वितरण कम्पनियों नेे इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के लिए आवश्यक फण्ड खर्च नहीं किया, जिसके कारण दिल्ली में बिजली वितरण में बाधाएं आ रही हैं।  अधिकांश दिल्ली में पुरानी ट्रांसमिशन लाइनें हैं जो न तो अपग्रेड की गई हैं और न ही बदली गई हैं, जिसके कारण वह बिजली का बढ़ा हुआ लोड लेने में सक्षम नहीं हैं।

बिजली वितरण कम्पनियों ने 2008 से प्रूडेंस चेक नहीं कराया है, जबकि उन्हें नियमित रूप से इसे करना अपेक्षित है। श्री गोयल ने कहा कि प्रूडेंस चेक शीघ्र करवाया जाना चाहिए और उसका विवरण जनता के साथ साझा किया जाना चाहिए। प्रूडेंस चेक यह दर्शाता है कि बिजली कम्पनियों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में अपेक्षित राषि की तुलना में वास्तव में कितनी राषि उनके द्वारा खर्च की गई।

श्री गोयल ने कहा कि उपराज्यपाल को शीघ्र ही बिजली कम्पनियों को आदेश देना चाहिए कि वे टोल फ्री नम्बर शुरू करना चाहिए जिससे जनता अपनी षिकायतें उस नम्बर पर कर सके। बिजली कटौती की शिकायत के लिए टेलीफोन करने पर षिकायतकत्र्ता को कई मिनटों तक फोन पर होल्ड करना पड़ता है, और कट रहे पैसे का बोझ भी उस पर आता है। आम उपभोक्ता के लिए यह एक बड़ी रकम है, जो बिजली कटौती से त्रस्त होकर बिजली वितरण कम्पनी के शिकायत डेस्क को बार-बार सम्पर्क करता है। इस राषि का भुगतान उपभोक्ता की जगह बिजली कम्पनियों को करना चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि बिजली शिकायतों का निवारण करने के लिए अधिक शिकायत केन्द्र होने चाहिए, जहां उपभोक्ता व्यक्तिगत रूप से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकें। इन केन्द्रों पर बिजली कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारी बैठें और जनता के चुने हुए प्रतिनिधि विधायक, निगम पार्षद इत्यादि उनसे सीधे षिकायत कर सकें।

श्री गोयल के नेतृत्व में दिल्ली भाजपा के विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री श्री पीयूष गोयल से इस मुद्दे पर विचार-विमर्ष करने के लिए मिला था। 

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