राष्ट्रीय (19/06/2014) 
ईराक में और फंसे हैं भारतीय
ईराक में चल रहे अंदरूनी युद्ध में  इराक में रह रहे 40 अगुवा भारतियों के अलावा कई ऐसे भारतीय भी हैं जो अपने ही मुल्क के लालची एजेंटो की वजह से ईराक में रहने को मजबूर हैं । ऐसे ही लोगों में एक है  अंबाला के नारायणगढ का परविन्द्र सिंह । परविन्द्र के  परिजनों ने दो लाख का कर्ज ले कर परविन्द्र को इराक के एयरसिल शहर में इस उम्मीद से भेजा  था की वह एक दिन खूब कमाएगा और उनकी गरीबी को दूर करेगा ।  लेकिन हुआ इसके विपरीत इराक में फंसे इन भारतीयों के परिजनों की चिंताए काफी बढ़ गयी है । कई परिवार ऐसे हैं जिनका उनके परिजनों से सम्पर्क नही हो पा रहा और कई ऐसे जिनका सम्पर्क तो हो रहा है लेकिन वो वहां एजेंटो के कारण बंधकों की जिंदगी बिताने को मजबूर हैं । बहरहाल ये परिजन किसी भी सूरत में अपनों को वापिस हिन्दुस्तान बुलाना चाहते हैं । ईराक में रह रहे भारतीय लोगो के लिए उनके परिजन हिन्दुस्तान में काफी दुविधा में दिखाई दे रहे हैं । ईराक में सशस्त्र चरमपंथियों और सुरक्षा बलों में भीषण संघर्ष के बीच ईराक में फंसे 40 भारतियों के इलावा ऐसे कई भारतीय हैं जो अपने ही हिन्दुस्तानी एजेंटो के लालच के कारण बंधकों की जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं । अंबाला के नारायणगढ के गाँव सैन माजरा का परविन्द्र सिंह भी पंजाब के जालंधर के एजेंट सुखपाल सिंह के कारण जबरन ईराक में रहने को मजबूर है । परविन्द्र के परिजनों की माने तो ये एजेंट परविंदर का पासपोर्ट अपने कब्जे में रख कर बैठा है और उसे वापिस करने की एवज में उससे एक हजार डालर की मांग कर रहा है जिसे देने में वो असमर्थ हैं । ऐसे में उन्हें आस है भारत सरकार से की शायद कोई उनकी फरियाद सुन सके और उनके लाल को किसी तरह वापिस ले आये ।
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