राष्ट्रीय (10/07/2014) 
पांच पर्यटन क्षेत्र बनाने के लिए चालू वित्तवर्ष में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान धार्मिक और विरासत शहरों के लिए विशेष कार्यक्रम ‘प्रसाद’ और ‘हृदय’ आरंभ
वर्ष 2014-15 के आम बजट में पांच पर्यटन क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव है जो विशेष विषय पर आधारित होंगे वर्तमान वित्तवर्ष के लिए इन पर्यटन क्षेत्रों के लिए 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। आज संसद में अपने पहले बजट भाषण में वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि भारत की समृद्ध सांस्‍कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासत पर्यटन के विकास और उद्योग के रूप में रोजगार सर्जन के लिए बाहरी संभावनाएं उपलब्‍ध कराती है। उन्‍होंने कहा कि दु‍नियाभर से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सारनाथ-गया-वाराणसी बौद्ध गलियारा विकसित किया जाएगा। इस मार्ग पर विश्‍व स्‍तरीय पर्यटन सुविधाएं उपलब्‍ध होंगी।
वित्‍त मंत्री ने इन शहरों की विरासत के संरक्षण और सुरक्षा के लिए राष्‍ट्रीय विरासत शहर विकास एवं संवर्धन योजना (ह्रदय) की शुरूआत की भी घोषणा की। यह कार्यक्रम मथुरा, अमृतसर, गया, कांचीपुरम, वेल्‍लनकणी और अजमेर जैसे शहरों में आरंभ किया जाएगा। वर्तमान बजट में इसके लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। यह परियोजना सरकार शिक्षण संस्‍थान और स्‍थानीय समुदाय की संयुक्‍त भागीदारी और किफायती प्रौद्योगिकी के जरिए कार्य करेगी।
चालू वित्‍त वर्ष से राष्‍ट्रीय धार्मिक जीर्णोद्धार और आध्‍यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) मिशन शुरू किया जाएगा। इसके लिए इस वित्‍त वर्ष में 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। वित्‍त मंत्री ने पुरातत्‍व स्‍थलों के संरक्षण के लिए 100 करोड़ रूपए की भी व्‍यवस्‍था की। प्रमुख अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन केंद्र के रूप में उभर रहे गोवा के महत्‍व का उल्‍लेख करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि राज्‍य में विश्‍वस्‍तरीय सम्‍मेलन सुविधाएं विकसित करने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार वी जी एफ स्‍कीम के जरिए सरकारी- निजी भागीदारी के माध्‍यम से ऐसी सुविधाएं विकसित करने के प्रयास का पूरा समर्थन करेगी।
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