राष्ट्रीय (13/07/2014) 
कैसा हो काम करने का सही तरीका?
हर व्यक्ति की अपनी कार्यशैली होती है और वह उसी के अनुसार काम करने में ही सहजता अनुभव करता है। सब अपनी शैली को ही बेहतर समझते हैं परंन्तु यह जरूरी नहीं कि उनके काम करने का तरीका सही ही हो और दूसरों को पसंद आ ही जाए।
खैर, सवाल दूसरों की पसंद- नापसंद का ही नहीं है। जरूरत है इस बात को समझने की कि बेहतर काम के लिए क्या तरीका होना चाहिए। इसके लिए समय-समय पर अपने कार्य करने के तरीके का मूल्यांकन करना अति आवश्यक है। आइये सीखें कुछ कदम जिन्हें अपनाकर आप अपने काम की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
 सर्वप्रथम अपने काम के प्रकार पर ध्यान दें। फिर देखें कि आपकी कार्यशैली उस कार्य को बेहतर बनाती है या नहीं। यह न सोचें कि आपके बॉस को क्या पसंद है क्योंकि यहां सवाल काम की बेहतरी का है, बॉस की पसंद-नापसंद का नहीं। काम को अच्छे से अच्छा करने हेतु जो तरीका सही हो, उसे अपनाएं।
 अपनी क्षमताओं को पहचानें। कई बार यह भी होता है कि आप काम की बेहतरी हेतु सोचते तो बहुत अच्छा हैं परंतु आप वैसा कर नहीं पाते। सिर्फ सोचने तक ही सीमित रहते हैं। आपकी यह कमज़ोरी आपको सदैव आगे बढ़ने से रोकती है इसलिए अपनी कमजोरियों को पहचानें व उन्हें दूर करने का हर संभव प्रयास करें ताकि और भी बेहतर काम कर सकें।
 व्यर्थ की बातों में समय न गंवाएं। व्यवस्थित बनें व काम की गुणवत्ता पर यकीन रखना सीखें। काम को जल्दी निपटाने के चक्कर में न रहें बल्कि थोड़े काम को ही बेहतर करने की कोशिश करें।
 मेहनत से कभी न घबराएं। अपनी क्षमता के अनुरूप परिश्रम करें, जिससे कार्य अधिक अच्छा हो सके।
 अनुशासित बनें क्योंकि अगर आप लेट होते हैं तो पूरी व्यवस्था चरमरा जाती है इसलिए सदैव समय पर ऑफिस पहुंचने का प्रयत्न करें।
 आॉफिस में अपनी मेज पर कागजों व फाइलों का ढेर लगाकर न रखें। यह आपके मूड पर विपरीत प्रभाव डालेगा लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं कि आप मेज को साफ रखने के चक्कर में दराजों में फालतू कागजों को जमा कर लें। टेबल व दराजों को साफ-सुथरा रखें और समय-समय पर फालतू कागजों को फैंकते रहें।
 अपने सहकर्मियों की आलोचना करने से बचें। उनके साथ मेलजोल बनाए रखें। न तो घमंडी बनें व न ही इतने सहृदय कि सबका काम करते-करते अपना काम भी भूल जाएं।
 एक समय में एक ही काम हाथ में लें। यह नहीं कि एक काम अधूरा छोड़ दें व दूसरा शुरू कर लें। ऐसा करने से कोई भी काम सही ढंग से नहीं हो पाता। समय-सीमा निर्धारित कर ली जाए तो यह आपके लिए बेहतर रहेगा।
 काम को टालने से बचें। प्रत्येक काम को व्यवस्थित ढंग से करें।
 बॉस की जी-हुजूरी में न लगे रहें। इससे आप कमज़ोर व्यक्ति माने जाएंगे। यह जरूरी है कि आप बॉस का सम्मान करें पर चमचागिरी हर्गिज न करें। आवश्यक नहीं कि सदैव बॉस की बातों को माना ही जाए क्योंकि जरूरी नहीं कि बॉस हर जगह सही ही हो। अगर कभी आपको लगे कि बाॅस जो कह रहे हैं, वह काम की बेहतरी के लिए ठीक नहीं है तो बॉस को इस बात से नम्रतापूर्वक अवश्य अवगत कराएं।
 तनावमुक्त रहें क्योंकि यह आपके काम पर काफी प्रभाव डालता है।
 अपनी प्रोफेशनल व पसर्नल जिंदगी को अलग-अलग रखें।
 ऑफिस में अपने कार्यों से अपनी अलग पहचान बनाएं।
 लेखक- भाषणा बांसल गुप्ता (अदिति)

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