राष्ट्रीय (20/07/2014) 
सैन्टरी लैंडफिल केे विरोध में द्वारका क्षेत्र के गांवों ने की महापंचायत
नई दिल्ली 20 जुलाई 2014, द्वारका क्षेत्र के कई गांवों ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि इलाके में सैन्टरी लैंडफिल कूड़ाघर बनाने की योजना को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। रविवार को छावला, पोचनपुर, भरथल, बामनौली और धूलसिरस गांव के लोगों ने एक महापंचायत का आयोजन कर कहा कि सैन्टरी लैंडफिल बनाकर पूरे क्षेत्र का स्वच्छ वातावरण दूषित करने की साजिश रची गई है। महापंचायत का आयोजन धूलसिरस गांव में किया गया।
इस मौके पर बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि छावला, पोचनपुर, भरथल, बामनौली और धूलसिरस गांव के नजदीक सैन्टरी लैंडफिल द्वारका सेक्टर 24 और 29 में करीब दस एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है जो पालम आईजीआई एयरपोर्ट के काफी करीब है। डीडीए ने इस योजना के लिए एमसीडी को जमीन दे दी है। यह सरासर उन नियमों का उल्लंघन है जो किसी भी एयरपोर्ट के नजदीक सैन्टरी लैंडफिल बनाने से रोकते हैं। लैंडफिल के समीप ही जानवरों का शमशान घाट बनाने की भी तैयारी है। करीब 50 हजार की आबादी के बीचोंबीच हर रोज 600 मैट्रिक टन कूड़ा हर रोज लाया जाएगा जिसके दुष्परिणाम के चलते हवा पूरी तरह दुर्गंध से भर जाएगी।
पंचायत में मौजूद क्षेत्र के निगम पार्षद प्रवीन राणा ने भी इन कूड़ाघरों का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि कहा कि वो हाऊस में इसमुद्दे को उठाएंगे और एलजी से भी इस विषय पर बात की जाएगी। वहीं पूर्व एमएलए विजय लोचव ने भी कूड़ाघरों का विरोध करते हुए एलजी हाऊस के सामने धरना देने की बात कही। उन्होंने कहा कि डीडीए के इस फैसले के चलते ईलाके के गांवों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और हम किसी भी कीमत पर यहां कूड़ाघरों
का निर्माण नहीं होने देंगे। उधर यूनिटी फाॅर डवलपमेन्ट के अध्यक्ष आनंद राणा ने कहा है कि सरकार गांवों को षहर का कूड़ादान बनाने पर तुली है। बवाना में सैन्टरी लैंडफिल बनाने के बाद अब मुड़का क्षेत्र के रानी खेड़ा और टिकरी कलां गांव में लैंडफिल बनाने की तैयारी कर ली गई है। उन्होनें चेतावनी देते हुए कहा कि गांववासी प्रशासन के इन कुत्सित प्रयासों का एकजुट होकर विरोध करेंगे। राणा ने कहा कि सरकार को कूड़े का निपटान आबादी से दूर करना चाहिए लेकिन अनुभवहीन योजनाकार ऐसा नहीं होने दे रहे हैं।
पंचायत में पहुंचे आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल देवेंद्र सहरावत ने भी डीडीए के इस फैसले  को गलत करार देते हुए कहा कि कूड़ाघर बनाए जाने से यहां हवा और पानी दूषित होंगे। उन्होंने कहा कि डीडीए को आबादी का ख्याल रखते हुए इस संबंध में फैसला लेना चाहिए था।
Copyright @ 2019.