राष्ट्रीय (11/08/2014) 
रोजगार के अवसर
इस्पात, खान और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री विष्णु देव साई ने कहा कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की ओर से किए गए श्रम शक्ति सर्वेक्षण के जरिए रोजगार और बेराजगार के विश्वसनीय अनुमान हासिल हुए हैं। पिछला सर्वेक्षण 2011-12 के दौरान किया गया था। 2009-10 और 2011-12 के दौरान किए गए सर्वेक्षण के परिणाम के अनुसार सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों में सामान्य स्थिति पर बेराजगारी की दर 2.0 से बढ़कर 2.2 प्रतिशत हो गई।

आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्री विष्णु देव साई ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन से प्राप्त सूचना के अनुसार बेरोजगारी दर कवरेज और / या परिभाषाओं में अंतर के कारण राष्ट्रीय स्रोतों से प्रकाशित बेरोजगारी दर से अलग हो सकती है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने अनुमान लगाने के लिए आनुभविक मॉडल का उपयोग किया है जिसके अनुसार अनुमान 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 3.7 प्रतिशत हो गया जो सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं है। सरकार राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के अनुमानों पर विश्वास करती है।

श्री देव ने कहा कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के अनुसार कृषि एवं संबंधित क्षेत्र (प्राथमिक), उद्योग (द्वितीयक) और सेवाएं (क्षेत्रीय) रोजगार प्रधान क्षेत्र हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने रणनीतिक रूप से श्रम प्रधान विनिर्माण को प्रोत्साहन देने तथा पर्यटन एवं कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन के जरिए रोजगार के अवसरों के विस्तार का फैसला किया है।

मंत्री महोदय ने कहा कि भारत सरकार की राष्ट्रीय विनिर्माण नीति का लक्ष्य 2022 तक रोजगार के 10 करोड़ अवसर पैदा करना है। 12वीं पंचवर्षीय योजना से कृषि से अलग क्षेत्र में 5 करोड़ लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है तथा इतने ही रोजगार कौशल प्रदान करने के जरिए मिलने की उम्मीद है। युवा वर्ग की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास योजनाएं चला रहे हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी की ओर से संकलित आंकड़ों के अनुसार करीब 75 लाख 84 हजार व्यक्तियों को इन योजनाओं के जरिए 2013-14 के दौरान कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया।
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