राष्ट्रीय (15/08/2014) 
राष्ट्रपति ने विंग कमांडर अभयंकर अनिकेत संतोष फ्लाइंग (पायलट) को वायु सेना पदक से सम्मानित किया
विंग कमांडर अभयंकर ने 17 अगस्त, 2013 को विदेशी नागरिक को बचाने के लिए अनुकरणीय कार्य किया जो भारतीय -ब्रिटेन पर्वतारोहण अभियान में शामिल था। उन्होंने इस विदेशी नागरिक को सासेर कांगड़ी से बचाया जो 23,000 फुट की ऊंचाई पर है। इतनी ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर उडाना बहुत जोखिम का काम है। वहां गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती और इसलिए अनुकरणीय पायलट कौशल की जरूरत होती है।

घटना के दिन क्षेत्र में मौसम खराब था और बहुत कम नजर आ रहा है। तेज हवा चल रही थी और बादलों ने हालात और खराब कर दिए थे। इन विपरीत हालात में बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए विंग कमांडर अभयंकर ने कुशलता से काम लिया और अपने हेलीकॉप्टर को बेहद विकट और खराब क्षेत्र में उतारा। उन्होंने तांगत्से को बचाकर उपलब्ध चिकित्सा सहायता तक पहंचाया। तब तक मौसम और खराब हो चुका था और रात को तांगत्से को वहीं रुकना पड़ा तथा लेह से आगे उन्हें अगले दिन ही लाया जा सका। इस बहादुरी के कारनामे के दौरान विंग कमांडर अभयंकर ने अपने अनुभव, तर्क बुद्धि और अनुकरणीय फ्लाइंग कौशल से काम लिया और बहुमूल्य जीवन बचाया। उन्होंने भारतीय वायु सेना की सर्वोच्च परंपरा भी कायम रखी तथा साहस, सर्वोच्च नेतृत्व, पेशेवर अंदाज और कौशल दिखाया।

इस साहस, सर्वोच्च नेतृत्व, पेशेवर अंदाज और कौशल के लिए विंग कमांडर अभयंकर अनिकेत संतोष को वायु सेना मदक से सम्मानित (वीरता) किया गया।
Copyright @ 2019.