राष्ट्रीय (18/08/2014) 
शराब चीज ही ऐसी है. विनोद शर्मा

एक बार कि बात है मेरे पडोस में रहने वाले एक मेरे दोस्त के यहां से आवाज आ रही थी..क्या थी वो आवाज जिसने मेरे दिल को झंझोड कर रख दिया पत्नी - पती से तुम घर पर लोट आए हो शाम का वक्त है कहां जा रहै हो पती - लगता है तुम्हे 15 अगस्त के मोदी जी के भाषण का असर हो गया है मैं कोई लडका नही हूं पत्नी - जब मेरी शादी हुई थी घर वालों नें मेरे लिए लडके को ही देखा था,

पती -  फिर तुम कहना क्या चाहती हो

पत्नी - मैने तो बस इतना ही पूछा है, यूं सज-धज कर कहां जाने का प्रोग्राम है

पती -  तो यूं पूछो ना, कुछ नही दो-चार दोस्तों नें खाने पीने का प्रोग्राम बनाया है, मैं झूंट बोलता नही, पर ऐसे प्रोग्रामों के बारे में बताना उचित नही समझता

पत्नी - पति से, अगर पीनी ही है तो घर में बैठ कर पी लो भला मैं तुम्हे पीने से मना नही करुंगी, बाहर जाकर पीओगे तो दोस्तों के कहने पर ज्यादा पी जाएगी, और फिर तुम मोटर साईकिल पर शराब के नशे में घर लोटोगे, जिससे किसी दुर्घटना का भी अंदेशा हो सकता है, या किसी को छति पहुंच सकती है, तुम्हे पता होना चाहिए कि कानून कितना सख्त है, और आजकल तो छोटी-मोटी घटनाओं पर भी अस्माजीक तत्व दंगा फैला देते हैं.

पती -  पत्नी का मुंह देखता रहता है.

पत्नी - अभी बच्चे भी छोटे-छोटे हैं, अपना नही तो मेरे और बच्चों के बारे में सोचो, जिनके होने पर हमने और हमारे परिवार नें कितनी खुशीया मनाई थी, तुमसे ही तो हमारी सारी खुशीयां हांसिल हैं, मेरा कहा मानों अगर पीनी ही है तो पीने का सारा बंदोबस्त घर में ही कर देती हूं, कम से कम हिसाब से तो पीओगे, फिर तुम्हारे पीकर आने तक हमारी आपके इंतजार में बुरी हालत हो जाती है, और बुरे बुरे ख्याल आने लगते हैं,

पती - पत्नी से आज मैं समझ गया तुम मुझसे कितना प्यार करती हो, आज से पहले तुमनें इतनी समझदारी वाली बात क्यो नही कि, मुझे बडा दुख है चलो देर आए दुरुस्त आए, ये कहावत तुम पर बिल्कुल ठीक साबित होती है, लोट कर बुद्धू घर को आए,

पत्नी - आज से कसम खाओ , मेरे सर पर हाथ रख के,

पती -  पत्नी से सर पर नही मैं शराब की बोतल पर हाथ रख कर कसम खाता हूं, जब भी पीउंगा घर पर ही पीउंगा,

पत्नी - मुझे नही पता था मेरी बातों का तुम पर इतना असर पड जाएगा,

पती -  सोचता तो मैं भी हूं, कि बेचारा मेरा दोस्त कन्हैया लाल पीके गाडी चला रहा था, दुर्धटना मैं उसकी दोनो टांगे चली गई और वो विकलांग हो गया, फिर भी शराब कम्बख्त चीज ही ऐसी है, जितना भी अपने को समझालो समझ नही आती, पर कसम से मे आज के बाद जब भी पीउंगा घर में ही पीउंगा,

पत्नी - पती का मुंह देखती रह जाती है, और सोचती है जो पती उसकी कुछ सुनता नही था आज वो अपने मुंह से ऐसी बात कह रहा है,

पती -  पत्नी से यह संदेश अगर हर घर-घर तक पहूंच जाए तो कितना अच्छा होगा, कसम से पीने वालों के और उनके परिवार वालों के अच्छे दिन आ जाएंगे, और शराब पीने के कारण जो एक्सिडेंट होते हैं वो विल्कुल खत्म हो जाएंगे और कितने ही घर बर्बाद होने से बच जाएंगे

अगर आप भी इसे पढें तो औरों को आगे फोर्बड करें, जनहित में जारी

लेखक- विनोद शर्मा

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