राष्ट्रीय (22/08/2014) 
हिमाचल प्रदेश की सामाजिक सेवा क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हुई प्रशंसा
                  हिमाचल प्रदेश द्वारा सामाजिक सेवा क्षेत्र में बेहतर कार्य करने तथा केन्द्र द्वारा प्रायोजित अनेक कल्याणकारी योजनाओं विशेषकर अनुसूचित जाति तथा विकलांगजनों के कल्याण के लिए चलाई का रही योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आज नई दिल्ली में आयोजित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदेश की भूरि-भूरि प्रशंसा हुई । दो दिवसीय इस सम्मेलन में देशभर के राज्यों से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भाग ले रहे हैं जिसमें हिमाचल की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने प्रतिनिधित्व किया ।

 सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश का दृष्टिकोण रखते हुए कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि हिमाचल में सामाजिक सेवा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है तथा इस क्षेत्र पर राज्य योजना की 25 प्रतिशत से भी ज्यादा राशि व्यय की जा रही है । उन्होंने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में बेहतरीन मूल-भूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना तथा विकलांगजनों को प्रभावी पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सहयोग नामक एक विस्तृत एकीकृत योजना आरम्भ की है जोकि देशभर में अपनी तरह का पहला प्रयास है ।

देश के पांच राज्यों में पायलट आधार पर आरम्भ की गई प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में हिमाचल प्रदेश को शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए, कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि इससे प्रदेश सरकार द्वारा जरूरतमंद लोगों के कल्याण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा । इस योजना में सर्वप्रथम सोलन तथा सिरमौर जिलों को शामिल किया गया है ।

अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्गों से संबन्धित विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के राज्य सरकार के संकल्प का उल्लेख करते हुए, कर्नल धनीराम शांडिल ने जानकारी दी कि केन्द्र सरकार ने पिछले एक दशक में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों व कालेजों के लिए लगभग 40 छात्रावास स्वीकृत किए जिसमें से 31 छात्रावासों का निर्माण हो चुका है तथा शेष 9 छात्रावासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है ।

प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए आरम्भ किए गए कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2001 में माता-पिता एवं आश्रित भरण पोषण अधिनियम लागू करके देशभर में ऐसी पहल की जिसका केन्द्र सरकार के साथ-साथ अन्य राज्यों ने भी अनुसरण किया । उन्होंने कहा कि बेसहारा वृद्धजनों के लिए भी एक एकीकृत योजना आरम्भ की गई है जिसमें वृद्ध आश्रम व डे केयर सेंटर इत्यादि चलाने के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है । उन्होंने कहा कि वृद्धजनों की  विभिन्न समस्याओं के  समाधान के  लिए एक अलग से राज्य नीति बनाकर भी पहल की है ।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के क्षेत्र में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं के प्रभावशाली कार्यान्वयन के मूल उद्देश्य से आयोजित इस सम्मेलन की अध्यक्षता केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चन्द गहलोत ने की । हिमाचल प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के प्रधान सचिव श्री पी0 सी0 धीमान व विभाग के अन्य उच्च अधिकारियों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया ।
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