राष्ट्रीय (29/08/2014) 
स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय कामकाज में पारदर्शिता के नए युग की घोषणा की

पहली सितंबर, 2014 से दिल्ली में केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य स्कीम (सीजीएचएस) के 20 वेलनेस सेंटर खुल जाएंगे जो आम जनता के बीच वरिष्ठ नागरिकों को निशुल्क परामर्श उपलब्ध करएंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज प्रायोगिक परियोजना का आरंभ किया जो सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल के भविष्य के लिए व्यापक रूप से फायदेमंद होगी। चिकित्सा सहायता के लिए ऐसी जनता की जरूरत से आंख मूंदने पर सीजीएचएस की व्यापक आलोचना की जाती रही है जिनके पारिवारिक सदस्य केंद्र सरकार के कर्मचारी नहीं हैं।

इस वअसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, यह फिलहाल प्रायोगिक परियोजना है। हम देखेंगे कि सीजीएचएस क्लीनिकों के लिए कितनी मांग सामने आती है तथा क्लीनिक आम जनता की कितनी मांग पूरी करने में सक्षम हैं। इसके बाद ही अधिक शहरों में ज्यादा लोगों के लिए इस सेवा का विस्तार किया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सेवा सभी कार्य दिवसों को दोपहर 1.30 बजे से शाम 3 बजे के बीच उपलब्ध होगी। हालांकि उन्हें निशुल्क दवाएं नहीं दी जाएंगी जो सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ही हैं।

अपने कार्यालय में पहले ही दिन डॉ. हर्षवर्धन ने घोषणा की थी कि स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत सभी विभागों में प्रशासन का पारदर्शी बनाया जाएगा। अपने कार्यकाल के पहले तीन महीनों के अंदर ही उन्होंने सीजीएचएस के परिचालन की समीक्षा की और भ्रष्टाचार के लिए अकसर नाजुक स्थानों की पहचान की गई।

मंत्री महोदय ने आदेश दिए कि चिकित्सा दावों संबंधी 30 दिन से अधिक समय से लंबित सभी सूचना वैबसाइट http://msotransparent.nic.in/cghsnew/index.asp पर अपलोड की जाए। खर्चों की प्रतिपूर्ति के दावों के निपटाने की प्रक्रिया सुस्त होने के कारण इनके वर्षों से ढेर लगे हुए हैं।

ऐसी शिकायतें हैं कि सीजीएचएस के डॉक्टर स्वीकृत सूची से बाहर की ब्रैंडेड दवाएं लिखते हैं। सभी कारकों पर विचार करते हुए, यह फैसला किया गया है कि सभी लाभार्थी और व्यापक रूप से जनता को यह जानना चाहिए कि सूची में कौन सी दवाएं हैं और इसलिए उन्हें उक्त वैबसाइट देखनी चाहिए।

डॉ. हर्षवर्धन ने दुहराया कि सिर्फ 1,447 जेनेरिक और 622 ब्रैंडेड दवाएं ही लिखी जाएंगी। इसका अपवाद सिर्फ तभी होगा यदि रोगी कैंसर और ऐसी ही किसी बीमारी से पीड़ित हो।

इसके अतिरिक्त, यह भी फैसला किया गया है कि सीजीएचएस लाभार्थियों को अधिकतम एक महीने के लिए दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यदि वे इससे अधिक अवधि के लिए विदेश जाने वाले हों तो सूचित करने पर दवाएं तीन महीने के लिए दी जाएगी।

सीजीएचएस डॉक्टर ऐसी जांच या इम्पलांट की जांच की प्रिस्क्रिप्शन नहीं करेंगे जो सूची में शामिल न हो। दवाओं, जांच, प्रोसीजर, इम्पलांट और ईलाज की अन्य प्रोसीजर की सूची अद्यतन करने के लिए तकनीकी समिति बना दी गई है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वह मंत्रालय के सभी प्रकोष्ठ में व्यापक सुधारों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं लोगों, विशेष रूप से मीडिया का हमारे कार्यों की जांच करने का प्रस्ताव देता हूं ताकि कर्मचारी भ्रष्टाचार करने की व्यर्थता महसूस कर सकें। इसके अतिरिक्त मैं भ्रष्टाचार के स्रोत को ही रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करूंगा। 
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