राष्ट्रीय (03/09/2014) 
लोकतंत्र के लिये अंतागढ़ का घटनाक्रम काला अध्याय - कांग्रेस
रायपुर/03 सितंबर 2014। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह अपनी पत्नी श्रीमती वीणा सिंह के इलाज के लिये अमेरिका गये हुये थे। वीणा सिंह के प्रति हमारा आदर सम्मान है। वे मुख्यमंत्री रमन सिंह की पत्नी और युवा सांसद अभिशेक सिंह की मां होने के साथ-साथ गढ़वा के कांग्रेस परिवार की बेटी है। हम सब उनकी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते है। ईश्वर उन्हे शीघ्र स्वस्थ करें। श्रीमती वीणा सिंह के इलाज कराकर अमेरिका से दिल्ली लौटकर मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह अंतागढ़ चुनावों के घटनाक्रम को कांग्रेस की आपसी लड़ाई का परिणाम कहा है। मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह अमेरिका से छत्तीसगढ़ आकर कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को जिम्मेदार ठहराया है। यह बात मुख्यमंत्री डाॅ. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कैसे कही? क्या निर्दलीय की नाम वापसी के लिये भी कांग्रेस की आंतरिक कलह उत्तरदायी है? आज रूपधर पुड़ो के भाजपा पर लगाये गये आरोपो से स्पष्ट हो गया है कि मंतूराम पवार और निर्दलीयो की नाम वापसी के लिये भाजपा सरकार ने गहरी साजिश रची जो छत्तीसगढ़ के लोकतंत्र के लिये सबसे बड़ा खतरा बन गया है। मंतूराम पवार पहली बार प्रत्याशी नहीं बने है। मंतूराम पवार पहले भी 4 बार प्रत्याशी रहे हैं। पहले तो कभी उन ने नाम वापस नहीं लिया। जो परिस्थिति पूरे देष में थी कि भाजपा की उपचुनावों में लगातार हार हो रही थी। अंतागढ़ में भाजपाइयों में जबर्दस्त अंर्तकलह भी। भाजपा नेताओं में अंतागढ़ तक जाने का साहस नहीं था। कांग्रेस अध्यक्षों के काफिले पर माओवादी इलाकों में पहला हमला छुरवागुड़ी से वापस लौटते समय हुआ था, दो-दो बार हमले हुये। दूसरी बार के हमले में जीरम घाटी में स्व. नंद कुमार पटेल, स्व. विद्याचरण शुक्ल, स्व. महेन्द्र कर्मा, स्व. उदय मुदलियार, स्व. दिनेश पटेल, स्व. योगेन्द्र शर्मा सहित अनेक कांग्रेस नेताओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इसके बावजूद प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष भूपेष बघेल ने अंतागढ़ और पखांजूर जाकर कार्यकर्ताओं से रायषुमारी कर पूरी दमदारी से चुनाव लड़ने की शुरूआत की थी। जबकि भाजपा नेताओं ने अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के बाहर भानूप्रतापपुर में कार्यकर्ता बैठक की। भानुप्रतापपुर की बैठक में और एकात्म परिसर में भी लगातार दूसरे दिन भाजपा कार्यकर्ताओं की परस्पर विरोधी नारेबाजी चलती रही। प्रषासन और पुलिस के दबाव में 10-10 निर्दलीयों के नाम वापस कराये गये। उनके भाजपा प्रवेष की घोषणा भी हुयी। कांग्रेस के एक पदाधिकारी के घर में दरवाजा तोड़कर और धमतरी और कांकेर दोनों जिलों की पुलिस के साथ असामाजिक तत्व अंदर घुसते है। रूपधर पुड़ो के आज के खुलासे से स्पष्ट हो चुका है कि कांकेर के कलेक्टर और एस पी के साथ मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यालय के अधिकारियों की भाजपा को बचाने की मुहिम में संलिप्तता थी।
Copyright @ 2019.