राष्ट्रीय (06/09/2014) 
सांझा रसाई की सही मायनो में स्थापना एक क्रान्तिकारी कदम-मोरारका

रमेश सर्राफ धमोरा

झुंझुनू,  6 सितम्बर। एम.आर. मोरारका जीडीसी रूरल रिसर्च फाउण्डेशन के चैयरमेन व पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमल मोरारकाने कहा कि सांझा रसाई की सही मायनो में स्थापना एक क्रान्तिकारी कदम है। वे शनिवार को नाहर सिंघानी कस्बे में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोरारका फाउण्डेशन का हमेशा से ही यह उद्देश्य रहा है कि रोजगार के कम प्रचारित अवसरो को सुगम बनाकर ग्रामीणो को मुहैया करवाये। सांझा रसाई योजना के द्वारा रोजगार भी इसी श्रृंखला की एक अन्य कड़ी के रूप में लागू किया गया है जिसमें महिलाओ को लकड़ी के श्रमसाध्य एवं मंहगे ईधन से निजात दिलाने के साथ उससे रोजगार के अवसर पैदा करने के मकसद से मोरारका फाउण्डेशन ने शेखावाटी क्षेत्र में एक अभिनव पहल करते हुये न केवल गैस ईंधन के इस्तेमाल के प्रति पिछड़े हुये लोगो को जागरूक करने की पहल की है वरन् साथ रोजगार के अवसर भी सृजित किये है।

उन्होंने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र के झुंझुनू, सीकर जिले के विभिन्न ग्रामो में मोरारका फाउण्डेशन द्वारा सांझा गैस रसोई रोजगार योजना पिछले 6 वर्षो से सफलता पूर्वक चलायी जा रही है। इसी के अन्तर्गत नाहरसिंघानी में भी सांझा रसोई की स्थापना की गयी है। हर सांझा रसोई का एक सांझा उद्देश्य है कि गरीब व पिछड़े हुये लोगो को ना केवल गैस ईंधन उपलब्ध करवाना था वरन् इसके द्वारा फाउण्डेशन ने रोजगार का एक अनूठा जरिया भी चयनित परिवार को दिया। योजना के अनुसार पिछड़े व गरीब लोगो के 4 से 5 परिवारो के समूह को सांझा रसाई की सुविधा के अनुसार करके उन्हे मुफ्त गैस कनेक्शन मय संसाधनो के उपलब्ध करवाया गया तथा जिस परिवार की आय न्यूनतम स्तर पर है उसे सांझा रसाई केन्द्र का प्रभारी बनाया गया बाकी परिवार केन्द्र आकर समूह में खाना आदि बनाते है व आपसी सहमति से एक तय राशि केन्द्र प्रभारी को देते है।

इससे ना केवल 4 से 5 परिवारो को लकडी ईंधन से छुटकारा मिला वरन् उन्हे गैस ईंधन की सुविधा भी बिना किसी निवेश के कम दरो पर मिल गयी जिससे इसकी आर्थिक स्थित में सधार आया और धुएं से होने वाली विभिन्न प्रकार की बिमारियो से भी राहत मिली साथ ही गरीब परिवारो के लिये स्वयं चलित रोजगार भी उपलब्ध हो गया।

 मोरारका ने कहा कि सांझा गैस रसोई की मुखिया श्रीमती कमला देवी मोरारका फाउण्डेशन के प्रति आभार जताते हुये बताती है कि उसे समय की बचत, कम लागत, कम परेशानी, कम श्रम के साथ आय भी अर्जित होने लगी है जिसका उपयोग बच्चो को अच्छी व उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में लगायेंगे। श्रीमती कमला देवी ने बताया कि इससे सब परिवारो में आपस में मेल-मिलाप व अपनापन भी बढ़ता है। इस योजना से जुड़ी अन्य महिलाओ को भी हर प्रकार से राहत मिली है, साथ ही लकड़ी के ईंधन पर होने वाले खर्चे के आधे खर्च से ही गैस रसोई का फायदा उठा रही है, इस प्रकार मेरे समय की बचत व रोजगार को देखते हुए इस योजना से अन्य महिलाएं भी जुडऩे के लिए उत्साह प्रकट कर रही है।

इसी प्रकार मोरारका फाउण्डेशन गत बीस वर्षो से देश के विभिन्न राज्यो में अनेक योजनाएं संचालित कर रहा है। जैविक खेती कार्यक्रम, जलग्रहण परियोजना, जल संसाधन एवं ठोस अपशिष्ठ  प्रबन्धन, हैल्थ परियोजना जैसे कार्यक्रमो का संचालन किया जा रहा है। मोरारका ने शनिवार को आधा दर्जन गांवो में जाकर चल रहे कार्यक्रमो का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर फाउण्डेशन के मुखिया राजेन्द्र शर्मा, मुकेश गुप्ता, संजय वशिष्ठ, जेबी माथुर, श्रीमती विनोद सहित मोरारका फाउण्डेशन का परिवार समारोह में अवलोकन के दौरान उपस्थित रहा।

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