राष्ट्रीय (08/09/2014)
राहत एवं बचाव अभियान में नौसेना के कमांडो को शामिल किया गया
| जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान में भारतीय सशस्त्र सेनाओं का अनवरत अभियान जारी है। जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की त्रासदी से निपटने के लिए पहली बार सेना को लगाया गया है। श्रीनगर सोपोर राष्ट्रीय राजमार्ग के हैगावं से नौसेना के मरीन कमांडो ने 200 लोगों को बचाया है। श्रीनगर के पांठा चौक के समीप अब बचाव अभियान जारी है। इसके अलावा बचाव अभियान के लिए नई दिल्ली, मुम्बई और विशाखापटनम में नौसेना के गोताखोरों की टीमों को तैयार रखा गया है। तत्काल तैनाती के लिए दिल्ली में एक चिकित्सा टीम भी तैयार है। जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में सेना ने अभी तक फंसे हुए 2000 लोगों को निकाला है। सेना ने राहत एवं बचाव अभियान के लिए अपनी 205 टुकडि़यां तैनात की है इन्होंने 4000 कम्बल और 90 शिविरों का वितरण किया है। इसके अलावा सेना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 23000 लीटर पानी और 600 किलो ग्राम बिस्किट भी बांटे हैं। सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं की 60 मेडिकल टीमें बाढ़ प्रभावित लोगों के उपचार में जुटी हैं।
बाढ़ प्रभावितों के लिए विमान के जरिए 85 टन औषधियां भेजी गई हैं तथा राज्य के विभिन्न हिस्सों में 16 राहत शिविर लगाए गए हैं। भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों और मालवाहक विमानों ने 1245 लोगों को निकाला है। भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों और विमानों ने अभी तक 140 उड़ानें भरी तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 155 टन राहत सामग्री गिराई है। कुल मिलाकर राहत एवं बचाव अभियान में 45 विमानों और हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है। बचाव अभियान में मदद करने के लिए नई दिल्ली से आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में इंजीनियर टास्क फोर्स भेजी जा रही है। ये अपने साथ नौकाएं और जीवन रक्षक उपकरण ले जाएंगे। नई दिल्ली में आईडीएस के मुख्यालय में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और पल-पल की जानकारी दी जा रही है। |
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