राष्ट्रीय (02/11/2014) 
नशा-युवाओं की नसों मे फैलता जहर- राजकुमार अग्रवाल
 आज का युवा स्कूल व कॉलेज की पढ़ाई व अन्य काम को छोडक़र नशे की लत में जकड़ा जा रहा है। अगर जल्द ही कोई कारगर कदम न उठाए गए तो आने वाले दिनों में हमारे समाज का अधिकतर युवा हिस्सा नशे की चपेट में आ सकता है।  शराब की लत आज हमारे सामने एक सबसे बड़ी सामाजिक समस्या पैदा हो रही है, युवाओं के नशे का शिकार होना, जो कल के होने वाले देश के जांबाज कर्णधार हैं आज वही सबसे ज्यादा नशे के शिकार हैं। जिनको देश की उन्नति में अपनी उर्जा लगानी थी वो आज अपनी अनमोल शारीरिक और मानसिक उर्जा चोरी, लूट-पाट  जैसी सामाजिक कुरीतिओं में नष्ट कर रहे है। आज का 90 प्रतिशत युवा नशे का शिकार हैं। जिस तरह से टेक्नोलोजी विकसित हुई है, ठीक उसी तरह से नशे के सेवन में भी नई टेक्नोलोजी विकसित हुई है।
आज का युवा शराब और हेरोइन जैसे मादक पदार्थो का नशा नहीं बल्कि कुछ दवाओं का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस तरह की दवाएं आसानी से युवाओं की पहुँच में हैं और इनके सेवन से घर या समाज में किसी को एहसास भी नहीं होता कि इस युवा ने किसी मादक पदार्थ का सेवन किया है। आज हमें पैसे कि लालच ने इतना अंधा कर दिया है कि हम सामाजिक बुराइयों को जन्म देने में जरा भी नहीं हिचकते। जिस व्यवसाय को लोग समाज में सबसे पूज्यनीय मानते थे वही आज इस बुराई को जन्म दे रहे हैं। जिन दवाओं को बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं मिलना चाहिए आज वही दवाएं धड़ल्ले से बिना पर्चे के और और कई गुना रेट पर मिल रही हैं।  यहाँ तक कि ये दवाएं करियाने व पान-बीड़ी की दुकानों पर भी मिल जाती हैं, जिससे युवा आसानी से उसका सेवन करते है। 

युवाओं ने नशा करने का निकाला है नया तरीका
आजकल स्कूल कॉलेज में पढऩे वाले युवा नशे के इतने आदी होते जा रहे हैं कि वे नशा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।शहर के चौक चौराहो  स्कुल ,कालेजों  के इलावा पार्कों  में  बैठ के नशे का सेवन करते  आम देखे जा सकते हैं। युवाओं ने नशा करने का एक नया तरीका भी निकाल लिया है। युवा आसानी से किसी भी किताब विक्रेता से फ्लूड आदि की शीशी खरीद कर उसको अपने रूमाल आदि पर लगाकर उसकी महक से नशा करते हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे युवाओं को पकड़ कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। जिससे दूसरे युवाओं को नशा छोडने के प्रति प्रेरणा मिल सके। 

रक्त में नशे की मात्रा से शरीर पर पडऩे वाले प्रभाव
मामूली मन परिवर्तन,तर्क शक्ति कम होना, निर्णय क्षमता ख़त्म होती हुई,नशे में प्रतिक्रिया करना, नियंत्रण की गिरावट आना, बिगड़ता संतुलन, आंदोलन के विचार और समन्वय में कठिनाई खड़ी होना झूमना, दर्द और संवेदना में कमी , अनिश्चित भावनाओं का विकास,कम सजगता, अद्र्ध सचेत,चेतना की कमी, शून्य सजगता,मौत। 

नशे के अन्य घातक प्रभाव
यदि आप थके हुए हैं और शराब पीते है, तब यह और भी हानिकारक हो सकता है और यह आपकी मौत का कारण भी बन सकता है।  इससे शरीर की बीमारी बढ जाती है और बीमारी से लडऩे की क्षमता कमजोर पढ़ जाती है. शराब में अवशोषण और खून में पोषक पदार्थों की कमी हो जाती है।
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