राष्ट्रीय (07/11/2014)
आगंतुक व्यापारियों को हवाई अड्डों पर मिलेगा वीजा
भारत 18 हवाई अड्ड़ों के माध्यम से आने वाले आगंतुक व्यापारियों के लिए आगमन पर वीज़ा की सुविधा उपलब्ध कराएगा। व्यापार और निवेश पर गठित भारत-रूस फॉरम के आठवें अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए, वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमन ने निवेशकों को कार्यालय प्रक्रिया के अत्यधिक इस्तेमाल से मुक्त करने और निपटारे के लिए एकल खिड़की उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। श्रीमती सीतारमन ने कहा कि भारत और रूस के लिए आर्थिक संबंधों को और भी अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है, जो फिलहाल अपेक्षित स्तर से नीचे है। रूसी संघ के उप-प्रधानमंत्री श्री डी. रोगोजिन के साथ नई दिल्ली में 5 नवम्बर, 2014 को व्यापार और निवेश पर गठित भारत-रूस फॉरम के आठवें अधिवेशन की सह-अध्यक्षता करते हुए श्रीमती सीतारमन ने भारत में सकारात्मक निवेश के वातावरण के बारे में चर्चा करने के साथ ही बुनियादी, विनिर्माण, धातुकर्म, औषधि और अन्य क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाओं की भी चर्चा की। श्रीमती सीतारमन ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि रक्षा और रेलवे क्षेत्र सहित भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश व्यवस्था में हाल के उदारीकरण से इन क्षेत्रों में भारत और रूस द्वारा संयुक्त उपक्रमों के लिए नए अवसर तैयार होंगे। रूसी संघ के उप-प्रधानमंत्री ने भी इस अवसर पर कहा कि गुणवत्तापूर्ण आर्थिक संबंधों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए द्विपक्षीय निवेश और व्यापारिक सहयोग बढ़ाना एक महत्वपूर्ण कदम है। हाईटेक क्षेत्रों में संयुक्त रूप से विनिर्माण पर फिर से जोर देने के लिए, भारत और रूस ने सचिव स्तर पर एक कार्यक्रम तैयार किया है, जो मुख्य प्राथमिक परियोजनाओं का पता लगाएगा। प्राथमिकता आधारित निवेश परियोजनाओं पर गठित इस संयुक्त कार्य समूह के अधीन मोटरवाहन उद्योग, औद्योगिक और सड़क निर्माण मशीनरी, रासायनिक और पेट्रो-रसायन उद्योग, नागरिक विमान निर्माण, उर्वरक उद्योग, औषधि उद्योग, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं। व्यापार और निवेश पर भारत-रूस फॉरम को 2006 में गठित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत-रूस व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग का स्थायी विकास सुनिश्चित करना था। इस फॉरम की अगली बैठक दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर तय की गई तिथिपर रूस में 2015 में आयोजित की होगी। श्री रोगोजिन ने सरकारी अधिकारियों और व्यापारियों सहित उच्च-स्तरीय रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग, वाणिज्य विभाग, विदेश मंत्रालय, औषधि विभाग के अधिकारी और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और फिक्की के व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल थे। |
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