राष्ट्रीय (23/11/2014) 
शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू का अमेरिका-भारत स्मार्ट शहर कॉन्क्लेव में व्यापक रोड मैप प्रस्तुत किया
शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने अमेरिका- भारत स्मार्ट शहर कॉन्क्लेव में मुख्य भाषण देते हुए प्रधानमंत्री के स्मार्ट शहरों के मिशन पर बातचीत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिना स्मार्ट दृष्टि, स्मार्ट प्रतिबद्धता और स्मार्ट साहस के साथ स्मार्ट नेतृत्व के स्मार्ट शहर के मिशन को पूरा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही बहुत महत्वपूर्ण है। 

श्री नायडू ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री की अमेरिकी यात्रा के परिणामस्वरूप अमेरिका ने भारत के विशाखापत्तनम, अजमेर और इलाहाबाद के विकास में सहयोग की सहमति जताई है । इसके साथ ही, जापान ने वाराणसी को स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करने के लिए कदम बढ़ाया है और सिंगापुर ने विजयवाड़ा और गुन्टुर के बीच आंध्र प्रदेश की राजधानी के विकास में सहयोग की सहमति जताई है। बार्सिलोना ने डीडीए और शहरी विकास मंत्रालय के सहयोग से दिल्ली को स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। 

श्री नायडू ने कहा कि प्रकृति, संस्कृति और समृद्धि को हाथों हाथ लिया जाना चाहिए और भारत में स्मार्ट शहरों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा, न कि पश्चिमी प्रथाओं का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी के लिए एक तरह का पैमाना नहीं हो सकता है। श्री नायडू ने कहा कि स्मार्ट शहरों को लोगों के प्रति केंद्रित और लोगों के जीवन को आरामदेह बनाने के लिए बनाया जाना चाहिए। चौबीस घंटे बिजली, पानी, उचित स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट का कुशल प्रबंधन, सड़कों पर भीड़भाड़ कम करना, समाज के सभी तबकों का जुड़ाव, आईसीटी का प्रभावी उपयोग समेत अन्य चीजों को ध्यान में रख कर प्लान बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट शहरों का निर्माण केवल पर्याप्त नहीं है बल्कि स्थिरता को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने अमेरिका-भारत व्यापार परिषद से तीनों स्मार्ट शहरों के लिए एक-एक उप समिति का गठन करने का सुझाव दिया, जो इन शहरों में जाकर अध्ययन करेगी और कार्य योजना व रूपरेखा तैयार करेगी, जिससे कि मिशन को आगे ले जाया जा सके। 

श्री नायडू ने अमेरिका में सिलिकॉन वैली में काम कर रहे भारतीयों और अमेरिका के भारतीय डॉक्टरों के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि देश में प्रतिभा की कमी नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए पूरे विश्व से सभी भारतीयों को भारत वापस आने का आग्रह किया। उन्होंने विदेशों में पढ़ने, कमाने वाले लोगों को वापस आकर राष्ट्र निर्माण में योगदान करने की सलाह दी। 

शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्मार्ट शहरों को विकसित करने में सफलता की मुख्य कुंजी सहयोग है। वित्त पोषण भारत में स्मार्ट शहरों के विकास में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बंदरगाहों, हवाई अड्डों, आईटी, दूरसंचार आदि में पीपीपी मॉडल की तरह की यह पहल है। भारत के विकास में वाजपेयी सरकार के दौरान कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लालफीताशाही को दूर कर सभी का स्वागत कर रहे हैं और सरकार स्मार्ट शहरों के निर्माण में मजबूत सार्वजनिक-निजी सहयोग सुनिश्चित करना चाहती है। श्री नायडू ने दोनों देशों के उद्योगपतियों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर लाने के लिए अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के कदम की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगले साल अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा से दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच सहयोग और मजबूत होंगे
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