राष्ट्रीय (24/11/2014) 
तटीय सुरक्षा नेटवर्क के मामले में खामियों की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जानी चाहिए- पर्रिकर
रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने आज गुड़गांव में भारतीय नौसेना और तट रक्षक के संयुक्‍त प्रचालन केन्‍द्र का उद्घाटन किया, जिसे सूचना प्रबंधन और विश्‍लेषण केन्‍द्र (आईएमएसी) का नाम दिया गया है। इसकी स्‍थापना तटीय सुरक्षा प्रदान करने और 26/11 जैसे आतंकी हमलों को रोकने के लिए की गयी है। आईएमएसी राष्‍ट्रीय कमान नियंत्रण संचार एवं गुप्‍तचर नेटवर्क का नोडल केन्‍द्र है। यह भारतीय नौसेना, तटरक्षक और भारतीय इलेक्‍ट्रोनिक्‍स लिमिटेड का संयुक्‍त प्रयास है जिसका लक्ष्‍य तटीय निगरानी में सुधार लाना है। 

इसे एक शक्तिशाली उपाय बताते हुए श्री पर्रिकर ने कहा कि आईएमएसी मुंबई हमले के खिलाफ महान राष्‍ट्र का प्रत्‍युत्‍तर है। हालांकि उन्‍होंने यह स्‍वीकार किया कि निगरानी नेटवर्क में अभी कुछ खामियां है जिन्‍हें दूर करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि तटीय सुरक्षा एक विशाल कार्य है क्‍योंकि हमारे तटवर्तीय क्षेत्रों में दो से तीन लाख तक मछली पकड़ने वाली नौकाएं संचालित होती है। उन्‍होंने कहा कि शत-प्रतिशत तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्‍यकता है और यह कार्य राज्‍य सरकारों के सक्रिय सहयोग के बिना नहीं किया जा सकता। 

श्री पर्रिकर ने यह भी कहा कि तटवर्ती सुरक्षा के साथ-साथ हमें विशेष आर्थिक क्षेत्र में भी अपने हितों की रक्षा करनी होगी। उन्‍होंने कहा कि कुछ पड़ौसी देश अपने नागरिकों को हिन्‍द महासागर में भेजने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में हमारी नौसेना को अधिक चौकसी बरतेने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि हम किसी पर हमला करना नहीं चाहते लेकिन ऐसे दुश्‍मनों से रक्षा करने के लिए पर्याप्‍त ताकतवर होना हमारे लिए जरूरी है, जो बुरे इरादों से भारत को देखते रहते हैं। 

इससे पहले नौसेना अध्‍यक्ष एडमिरल आर के धवन ने प्रारंभिक सम्‍बोधन में कहा कि इस परियोजना से समुद्री चौकसी बढ़ाने में काफी हद तक मदद मिलेगी। 
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