राष्ट्रीय (09/12/2014) 
जिलाधिकारी द्वारा स्टेडियम का निरीक्षण
जिलाधिकारी द्वारा दिनांक 09-12-2014 को यमुनापुरम व टांडा स्टेडियम का निरीक्षणः
जनपद में खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं खिलाडियों को आधुनिक सुविधाऐं उपलब्ध कराने के उद्देष्य से आज दिनांक 09-12-2014 को जिलाधिकारी श्रीमती बी0 चन्द्रकला ने बुलन्दषहर नगर में स्थित यमुनापुरम एवं टांडा स्थित दोनों स्टेडियमों का निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवष्यक दिषा-निर्देष दिये। 
सर्वप्रथम उनके द्वारा यमुनापुरम में स्थित स्टेडियम का गहनता से निरीक्षण करते हुए स्वीमिंग पूल पर समस्त व्यवस्थाऐं एवं निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं उपलब्ध उपकरणों के संबंध में जानकारी हासिल की गयी। निरीक्षण के दौरान तरणताल के निर्माण में प्रयुक्त की गयीं टाइल्स क्षतिग्रस्त पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित कार्यदायी संस्था उ0 प्र0 राजकीय निर्माण निगम को क्षतिग्रस्त टाइल्स को तत्काल बदलने के निर्देष दिये तथा यह भी निर्देषित किया कि अच्छी गुणवत्तायुक्त टाइल्स ही निर्माण कार्य में प्रयुक्त की जायंे।
कोच न होने के कारण स्वीमिंग पूल का संचालन बंद पाया गया। अवगत कराया गया कि पानी की मोटर खराब है, जिसे सही कराने हेतु निर्देषित किया गया।  निरीक्षण के दौरान संज्ञान में आया कि स्टेडियम में बास्केटवाॅल का भी कोई कोच नहीं है। निरीक्षण के दौरान श्रीमती अनीता, सहायक प्रषिक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि इस स्टेडियम में एक मल्टीपर्पज़ हाॅल का निर्माण प्रस्तावित है, जिसके लिए जिला योजना से धनराषि स्वीकृत भी हो चुकी है, परन्तु पूर्व क्रीडाधिकारी द्वारा हाॅल के लिए जगह को कम बतलाया गया। जिलाधिकारी द्वारा उक्त स्थल का निरीक्षण करते हुए निर्देषित किया कि प्रस्तावित हाॅल के निर्माण के लिए बाॅलीवाॅल कोर्ट की तरफ की भूमि उपयोग की जा सकती है तथा बाॅलीवाल कोर्ट को स्टेडियम में अन्यत्र षिफ्ट करने पर विचार किया जा सकता है।
निरीक्षण के समय जिलाधिकारी द्वारा स्टेडियम में उपस्थित खिलाडि़यो से जानकारी प्राप्त की गयी तथा उनकी समस्याऐं सुनीं गयीं।  खिलाडियों द्वारा षिकायत की गयी कि स्टेडियम के पास स्थित निजी मकान-स्वामियों द्वारा अक्सर उनके खेल में व्यवधान पैदा किया जाता है तथा वे स्टेडियम में आकर विवाद करने लगते हैं।  जिलाधिकारी द्वारा इस संबंध में जिला क्रीडाधिकारी को निर्देषित किया कि वह स्टेडियम के पास स्थित निजी मकान स्वामियों को नोटिस जारी करें कि स्टेडियम के इतने नजदीक स्थित होते हुए भी स्टेडियम साईड में उन्हें अपने मकानों में षीषे लगवाने की अनुमति व नक्षा किस प्रकार प्राप्त हुए।
स्टेडियम स्थित नल में खराब पाया गया, जिसे तत्काल ठीक कराने हेतु निर्देषित किया गया। स्टेडियम स्थित षौचालय भवन में अत्यन्त सीलन है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देषित किया गया कि इन षौचालयों की तत्काल मरम्मत कार्य कराते हुए षौचालयों का पुनरूद्धार सुनिष्चित किया जाए। निरीक्षण के समय पानी की टोंटी खराब मिली, जिसे सही कराने हेतु निर्देषित किया गय।  जिलाधिकारी द्वारा स्टेडियम अधिकारियों व मौके पर उपस्थित खिलाडियों को सुझाव दिया कि वह खेलकूद के आयोजनों में सक्रियता बरतें था ।  आगामी 26 जनवरी पर क्रिकेट के आयोजन की रूपरेखा तैयार कर लें।
 

2- टांडा स्टेडियम का निरीक्षणः
जिलाधिकारी ने यमुनापुरम स्टेडियम के निरीक्षण के उपरान्त बुलन्दषहर मौहल्ला टांडा स्थित स्टेडियम का भी निरीक्षण किया।  मुख्य सडक से स्टेडियम की तरफ प्रवेष करते समय सड़क पर स्टेडियम का कोई बोर्ड अंकित नहीं पाया गया।  इस गली का रास्ता अत्यन्त गंदा है तथा जगह-जगह कूडे के ढ़ेर हैं।  नाले पर भी जाल डालकर अतिक्रमण किया गया है। इस पर जिलाधिकारी द्वारा सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए उपयुक्त स्थान पर स्टेडियम का बोर्ड लगवाने तथा स्टेडियम मार्ग की सफाई व्यवस्था सुनिष्चित कराने की हिदायत दी गयी।
टांडा स्टेडियम बदहाल स्थिति में पाया गया। स्टेडियम स्टाफ एवं अन्य उपस्थित खिलाडि़यों द्वारा षिकायत की गयी कि स्टेडियम में कतिपय बाहरी व्यक्ति घुस आते हैं, जो खिलाडियों के अभ्यास में व्यवधान पैदा करते हैं तथा स्टेडियम में चोरी की घटनाऐं भी घटित हो जाती है। उक्त समस्या के समाधान हेतु जिलाधिकारी द्वारा 02 होमगार्ड दिन में तथा 02 होमगार्ड रात में तैनात करने के निर्देष दियेे। साथ ही उन्होंने मौके पर उपस्थित खिलाडि़यों को भी सुझाव दिया कि वह भी स्वयं इस ओर सतर्क दृश्टि बनाये रखें तथा आपस में षिफ्ट नियत करते हुए सुरक्षा-व्यवस्था में प्रतिदिन 02-02 खिलाड़ी सक्रिय सहयोग प्रदान करें।  
निरीक्षण के समय स्टेडियम के मुख्य द्वार की तरफ दीवार ऊॅची किये जाने की अत्यन्त आवष्यकता बतायी गयी। स्टेडियम का मुख्य गेट मानक के अनुरूप न होने के कारण जिलाधिकारी द्वारा मुख्य द्वार के दोंनों ओर की दीवारें ऊॅची कराते हुए गेट को कवर्ड कराने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देष दिये, जिससे स्टेडियम में अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेष न कर सकें। उन्होनें सुझाव दिया कि स्टेडियम का मुख्य गेट कवर्ड गैलरी के रूप में निर्मित कराते हुए इसपर बड़ा गेट लगवाया जाए, जिसमें एक छोटे गेट का भी पार्टीषन हो। उक्त गेट में प्रवेष के समय खिलाडियों एवं अन्य लोगों से पास-चैक करने के उपरान्त ही उनको स्टेडियम में प्रवेष की अनुमति प्रदान की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्य द्वार का निर्माण कार्य क्रिटीकल गैप से कराने हेतु जिलाधिकारी क्रीडाधिकारी तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
स्टेडियम में बाहरी व्यक्तियों के अनाधिकृत प्रवेष को रोकने के लिए जिलाधिकारी द्वारा कठोर निर्देष जारी किये गये कि सिर्फ पासधारक लोगों को ही स्टेडियम में प्रवेष करने की अनुमति प्रदान की जाए। स्टेडियम द्वारा समस्त संबंधित को तत्काल विधिवत पास निर्गत कर दिये जायें।
श्रीमती अनीता, सहायक प्रषिक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि इस स्टेडियम में जिम हाॅल एवं ट्यूबवैल का निर्माण विधायक निधि से प्रस्तावित है। इसकी कार्यदायी संस्था आर0ई0एस0 है। जिम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मौके पर उपस्थित खिलाडियों द्वारा जिलाधिकारी से जिम में सभी आवष्यक मषीनों की व्यवस्था कराये जाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त जिम की सुसज्जा एवं मषीनों की व्यवस्था खुर्जा पौट्री एसोसियेषन द्वारा किये जाने का आष्वासन दिया गया है। उक्त कार्य आगामी 26 जनवरी तक सम्पन्न किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने स्टेडियम मैदान में उपस्थित खिलाडियों से विस्तार से बातें कीं तथा उनकी समस्याओं गंभीरतापूर्वक सुनीं। खिलाडियों द्वारा जिलाधिकारी से षिकायत की गयी कि स्टेडियम का स्टाफ उन्हें सहयोग प्रदान नहीं करता है। इस पर जिलाधिकारी द्वारा अत्यन्त सख्ती बरतते हुए उपस्थित स्टाफ को हिदायत दी गयी कि वह स्टेडियम में आने वाले खिलाडियों को पर्याप्त सहयोग प्रदान करेगें।  भविश्य में यदि खिलाडियों को सहयोग प्रदान न किये जाने अथवा स्टेडियम की सफाई व्यवस्था के संबंध में यदि कोई षिकायत संज्ञान में आती है, तो संबंधित को तत्काल निलम्बित करते हुए उसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
निरीक्षण के समय जिलाधिकारी ने स्टेडियम में वृक्षारोपण कराये जाने हेतु भी निर्देषित किया। वर्तमान में स्टेडियम में पेड़ों की कमी होने के कारण छाया का अभाव है।
खिलाडियों द्वारा अवगत कराया गया कि स्टेडियम में रनिंग ट्रैक सही नहीं है। उसके निर्माण की अत्यन्त आवष्यकता बतायी गयी। स्टेडियम स्टाफ द्वारा उक्त के संबंध में अवगत कराया कि ट्रैक के निर्माण हेतु लगभग 6.50 लाख रूपये की आवष्यकता होगी। जिलाधिकारी द्वारा क्रिटीकल गैप से उक्त कार्य कराने हेतु निर्देषित किया।
टांडा स्टेडियम में टायलेट की समुचित व्यवस्था तथा स्वच्छता का अभाव पाया गया। जिलाधिकारी द्वारा मौके पर उपस्थित सफाई कर्मचारी से इस संबंध में स्वयं जवाब तलब किया गया। खिलाडियों द्वारा षिकायत की गयी कि स्टेडियम के रख-रखाव के लिए जो धनराषि षासन द्वारा उपलब्ध करायी जाती है, उसका स्टेडियम अधिकारियों द्वारा सही उपयोग नहीं किया जा रहा है। मौके पर उपस्थित खिलाडियों द्वारा षिकायत की गयी कि स्टेडियम में अनेक व्यवस्थाऐं वे लोग खुद ही चंदा इकट्ठा करके करते हैं। बाॅलीबाल का नेट भी उन्होंने खुद ही खरीदा है तथा स्टेडियम की मोटर भी अपने पैसों से सही करायी है। जिलाधिकारी ने इसको गंभीरता से लेते हुए स्टेडियम के रख-रखाव के लिए कब-कब कुल कितनी धनराषि उपलब्ध हुई है तथा उसका उपयोग किस प्रकार किया गया है, के संबंध में कोशागार से विवरण मांगा है।
जिलाधिकारी ने स्टेडियम के रख-रखाव एवं सफाई व्यवस्था से क्षुब्ध होकर सभी अधिकारी /कर्मचारियों को नोटिस जारी कर उनके जवाब तलब करने के निर्देष दिये हैं।
स्टेडियम कोच तथा खिलाडियों द्वारा षिकायत की गयी कि जब स्टेडियम से पुलिस के लिए फोन किया जाता है, तो उनके द्वारा उनकी षिकायत को अनसुना कर दिया जाता है। जिलाधिकारी ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मौके पर उपस्थित प्रभारी निरीक्षक श्री नरेष पाल सिंह को निर्देषित किया कि भविश्य में इस प्रकार के षिथिलता की पुनरावृत्ति कदापि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उन्हें स्टेडियम की सुरक्षा में 02 कान्स्टेबिल तैनात करने के निर्देष भी दिये।
निरीक्षण के समय जिलाधिकारी द्वारा स्टेडियम कर्मचारियों से जब पानी की पाईप तथा स्टाफ की तैनाती के संबंध में जानकारी प्राप्त की गयी तो स्टाफ द्वारा गोलमोल उत्तर दिये गये तथा उनके द्वारा कतिपय खेल सामग्री यमुनापुरम स्टेडियम में भेज दिये जाने का हवाला दिया। यह संज्ञान में आया कि दोनों स्टेडियम के स्टाफ एवं खेल सामग्रियों का परस्पर आदान-प्रदान बिना किसी विवरण के किया जा रहा है, जिसके कारण अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जिलाधिकारी ने निर्देषित किया कि नगर स्थित दोनों स्टेडियमों में उपलब्ध खेल सामग्री का पृथक-पृथक इन्वेन्ट्री-रजिस्टर बनाया जाए। इसी प्रकार स्टाफ की ड्यूटी का भी व्यवस्थितरूप से निर्धारण सुनिष्चित किया जाए। यदि किसी खेल सामग्री की एक स्टेडियम से दूसरे स्टेडियम को तात्कालिक आवष्यकता हो, तो उसे कार्य हो जाने के उपरान्त तुरन्त उसके मूल स्टेडियम में वापस उसी लौटा दिया जाए।
जिलाधिकारी ने स्टेडियम की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्था प्रदान करने के लिए स्टेडियम अधिकारियों को निर्देषित किया कि वह स्टेडियम में आने वाले खिलाडियों के गु्रप से माॅनीटरिंग कमैटी गठित करें तथा स्टेडियम की व्यवस्थाओं में सुधार एवं समस्याओं के समाधान में स्टेडियम में आने वाले खिलाडियों को भी षामिल किया जाए।
स्टेडियम मैदान के पीछे की ओर एक कोने पर छोटा गेट लगा है।  इस गेट से बाहरी व्यक्तियों के आने की षिकायत की गयी। जिलाधिकारी ने निर्देषित किया कि उक्त गेट को तत्काल बन्द कराते हुए सिर्फ मुख्य द्वार से ही स्टेडियम में प्रवेष की व्यवस्था सुनिष्चित की जाए।
मौके पर उपस्थित खिलाडि़यों द्वारा अवगत कराया गया कि विषाल भाटी नामक खिलाड़ी बहुत अच्छा धावक है, लेकिन उसे अपनी प्रैक्टिस को आगे बढाने के लिए संसाधनों की कमी का सामना करना पड रहा है। इसी प्रकार की एक अन्य बालिका खिलाडी वर्शा के विशय में अवगत कराया गया।  जिलाधिकारी ने कहा कि उक्त दोनों खिलाडियों को रायफल क्लब से षीघ्र की आर्थिक मदद प्रदान करायी जायेगी। 
जिलाधिकारी ने टांडा स्टेडियम की बदहाल स्थिति पर अत्यन्त क्षोभ व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिला क्रीडाधिकारी यह सुनिष्चित करेंगे कि भविश्य में स्टेडियम में सिर्फ पासधारक लोगों द्वारा ही प्रवेष किया जायेगा।  उन्होनें पानी-आपूर्ति एवं अन्य मूलभूत सुविधाऐं उपलब्ध कराने के सख्त निर्देष देते हुए स्टेडियम स्टाफ को प्रतिदिन सफाई व्यवस्था सुनिष्चित करते हुए उन्हें रिपोर्ट करने हेतु भी निर्देषित किया।
 
बुलंदशहर से अनिल कुमार सिंह की रिपोर्ट 
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