राष्ट्रीय (09/12/2014) 
अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक संस्था ब्रिटिश काउंसिल ने इंटरनेशनल स्कूल अवार्ड से नवाजा

डी.ए.वी. सेन्टेनरी पब्लिक स्कूल, मेरठ नें एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया नई दिल्ली में अंतर्राश्ट्रीय शैक्षिक संस्था ब्रिटिश काउंसिल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 2014 से 2017 तक के लिए उन्हे इंटरनेशनल स्कूल अवार्ड से नवाजा गया है विद्यालय के लिए यह एक अनूठी उपलब्धि है। प्रधानाचार्या डॉ. अल्पना शर्मा ने इस अवार्ड का श्रेय अभिभावकों के विश्वास, बच्चों की मेहनत,अध्यापकों के मार्गदर्शन और मैनेजिंग कमेटी के दिशानिर्देश को दिया।

वैष्वीकरण के इस युग में विद्यार्थी को उच्च शिक्षा, नौकरी, व्यवसाय आदि के लिए विश्व के किसी भी कोने में जाने पर उस देश के खान-पान, आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक स्थिति तथा भाषा एवं संस्कृति को समझने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए डी. ए. वी. विद्यालय द्वारा पाठ्य स्तर पर ही विदेशों की शिक्षा, आचार-विचार, खान-पान, रहन-सहन में आने वाली समस्याओं का ज्ञान तथा उनका सामना करने में सक्षम बनाकर बच्चों का चहुँमुखी विकास करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। विद्यार्थी जीवन मानव की आधारशिला है। यह जीवन का स्वर्णिम काल है। इसी समय उसकी गुप्त शक्तियाँ प्रस्फुटित तथा पल्लवित होती हैं। साथ ही वह भावी जीवन की तैयारी, उत्तरदायित्वों का ज्ञान तथा समस्याओं को सुलझाने का प्रशिक्षण भी प्राप्त करता है। विद्यार्थी जीवन उस कोमल शाखा के समान है जिसे जैसा चाहें मोड़ा जा सकता है इसीलिए विद्यार्थी जीवन को भावी जीवन की तैयारी का काल मानकर उसके जीवन को बहुमुखी आयाम देने तथा विदेशी जमीन से तारतम्य बिठाने का प्रयास ही डी. ए. वी. विद्यालय का मुख्य ध्येय है। इसके द्वारा बच्चों में न केवल जागरुकता उत्पन्न होगी, बल्कि प्रोजेक्ट और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से वे संपूर्ण जीवन का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे और स्कूली जीवन से ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से संपूर्ण विश्व के साथ जुड़ सकेंगे।

ब्रिटिश काउंसिल संस्था के साथ जुड़कर विद्यालय द्वारा अगस्त 2013 से 2014 के बीच यू. के. और मलेशिया के साथ एग्रोनॉमी, एन एंड टू द थ्रो अवे सोसायटी, ई- एक्सप्लोरेशन, क्वैस्ट ब्रेक्रिंग बैरियर्स, एशिया- ए नेस्ट ऑफ लिविंग आर्ट, इवोल्व- द थ्रेशोल्ड, वल्र्ड पीस पैल्स जैसे सात प्रोजेक्ट पर कार्य किया गया। स्कूली जीवन से ही विदेशी सभ्यता और संस्कृति के आदान-प्रदान हेतु अलग-अलग देशों के स्कूली बच्चों से प्रत्येक माह वीडियो कांफ्रेसिंग कर विचारों का आदान-प्रदान किया जाता है।

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