राष्ट्रीय (16/12/2014) 
बापू का अनादर करने वाले कांग्रेसियों के दिल भी काले : शिवरतन
छत्तीसगढ़, रायपुर,  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री शिवरतन शर्मा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को विधानसभा परिसर में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर काला कपड़ा ओढ़ाने वाले कांग्रेस विधायकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बापू का अनादर करने वाले कांग्रेसियों के दिल भी काले हंै। वे यह भी भूल गए कि महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई में किस तरह से निर्णायक भूमिका निभाई और अंग्रेजों को देश छोडऩे विवश होना पड़ा। उन्हें यूं ही महात्मा और राष्ट्रपिता का दर्जा नहीं मिला बल्कि इसके पीछे उनके त्याग और बलिदान की गाथा भी है। बापू के नाम पर वोट मांगकर देश में लंबे समय तक शासन करने वाले कांग्रसियों ने यह बता दिया उनके दिलों में राष्ट्रपिता के लिए कितनी इज्जत है।
श्री शर्मा ने कहा कि देश और प्रदेश में जनता के द्वारा नकारे जाने के बाद कांग्रस नेता मानसिक संतुलन खो दिया है। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता सरकार गिराने की तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह नक्सलियों से भाजपा को हराने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की बात कह कर अपने मानसिक दीवालिएपन का परिचय दे रहे हैं। कांग्रेस के नेता सरकार गिराने का प्रयास पहले भी कर चुके हैं लेकिन 'काठ की हांडी एक बार ही चुल्हे पर चढ़ती है ये कांग्रेसियों को मालूम होना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की नक्सलियों ने हत्या की थी और जिस तरह से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने बलिदानी माटी यात्रा के नाम पर नौटंकी कर घडिय़ाली आंसू बहाया था, यह बात आज कांग्रेस के नेताओं के बयान से स्पष्ट हो रहा है। कांग्रेसियों का सत्ता के लिए निम्न स्तरीय बयान यह रहे हैं कि वे किस हद तक जा सकते हैं। नक्सलियों के नर संहार पर बार-बार प्रदेश सरकार पर अनर्गल आरोप लगाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने वाले कांग्रेस नेताओं के असली चेहरे बेनकाब हो गए हैं। कभी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं भाने वाले कांग्रेस के नेता एकजुट होने की बात कह रहे हैं वह हास्यास्पद है। कई धड़ों में बंटी कांग्रेस में किस तरह से अंतरद्वंद चल रहा है यह जनता के सामने है। सत्ता के लिए कांग्रेस के वरष्ठि नेताओं के समर्थकों के बीच तलवारें खिंची हुई है और कांग्रेस भवन ही नहीं बल्कि सड़कों पर भी इनके सिर फुटौव्वल की स्थिति नजर आ रही है। 
उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में नगरीय चुनाव का बिगुल बज चुका है और कांग्रेस को अपनी स्पष्ट पराजय नजर आ रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार और उसके मुखिया पर अनर्गल आरोप लगाने वाले कांग्रेस के विधायक विधानसभा में चर्चा करने से कतरा रहे हैं। कांग्रेसी किसी भी मुद्दे पर सवाल कर पाने की स्थिति में नहीं होने के कारण  विधानसभा की कार्यवाही को ठीक तरह से चलने नहीं दे रहे हैं। या यूं कहें कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा ही नहीं है इसलिए ये जनता के सामने जाने से भी कतरा रहे हैं। कांग्रेस को चाहिए कि नगरीय और पंचायत चुनाव में अभी से हार मान लें तो उनकी रही सही इज्जत बच जाए। 

Copyright @ 2019.