राष्ट्रीय (01/01/2015) 
बेटी के हाथ पीले करने से पहले ही हो गया शहीद

जम्मू में शहीद जवान इस साल करने वाला था बेटी की शादी

दो महीने पहले ही गांव आकर लौटा था शहीद श्रीराम गावडिय़ा

आज देर रात तक गांव में शव पहुंचने की संभावना

परिवार के लोगों को अभी तक नहीं है शहादत की जानकारी

खतेहपुरा गांव में शहादत के बाद पसरा सन्नाटा

झुंझुनूं,  राजस्थान का झुंझुनूं जिला एक बार फिर देश के लिए शहादत के चलते सुर्खियों में हैं। बुधवार जम्मू कश्मीर के साबा सेक्टर में पाक सेना द्वारा की गई फायरिंग में शहीद हुआ जवान श्रीराम गावडिय़ा झुंझुनूं जिले के खतेहपुरा गांव का रहने वाला था। गांव में बुधवार दोपहर को इसकी सूचना मिल गई थी, लेकिन परिवार के कुछ लोगों को छोडक़र शहीद की पत्नी और बच्चों को अभी तक शहादत की जानकारी नहीं दी गई हैं। संभावना है कि आज देर रात तक शव गांव पहुंचे। शहीद का राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार सुबह 10 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव के लोगों को श्रीराम गावडिय़ा की शहादत पर गर्व है तो उनके चले जाने का गम भी। बताया जा रहा है कि श्रीराम गावडिय़ा खतेहपुरा गांव का पहला शहीद हैं। शहीद के छोटे भाई की पत्नी सरोज गांव की सरपंच भी हैं। गांव के लोगों की मानें तो श्रीराम मिलनसार व्यक्ति था। हाल ही में 25 दिन की छुट्टी पर आया था और 10 नवंबर को वापिस अपनी ड्यूटी पर लौटा था। श्रीराम 22 साल पहले बीएसएफ में भर्ती हुआ और तब से सेवा दे रहा हैं। जब अंतिम बार श्रीराम गांव आया था तो गांव के मनीराम धनखड़ के सामने उसने अपनी बड़ी बेटी नीलम के रिश्ते की बात की थी। बकौल, मनीराम इस बार फरवरी में वह फिर से आने वाला था और जून जुलाई तक बेटी के हाथ पीले करने का मानस उसने बना रखा था। शहीद श्रीराम की पत्नी घोटीदेवी गृहिणी हैं। वहीं सबसे बड़ी बेटी नीलम और उससे छोटा लडक़ा अरूण हैं।

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