राष्ट्रीय (03/04/2015) 
स्वदेशी कागज और स्याही का ही इस्तेमाल हो नोट छापने में: मोदी

मुंबई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि भारतीय मुद्रा के करेंसी नोटों को छापने में रिजर्व बैंक देश में तैयार कागज और स्याही का इस्तेमाल करे,पीएम ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' अभियान के हिस्से के तौर पर इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक तिथि भी निश्चित की जाए। रिजर्व बैंक की वर्षगांठ के मौके पर उन्होंने कहा कि हम आरबीआई की 80वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। क्या हम कोई घ्सी तिथि तय नहीं कर सकते कि जो भी नोट देश में छापे जा रहे हैं उसमें भारतीय कागज और स्याही का इस्तेमाल हो। यह विडंबना है कि जिन महात्मा गांधी ने स्वदेशी के लिए लड़ाई लड़ी, उनकी फोटो आयातित कागज पर छपती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मेक इन इंडिया की शुरूआत यहां से होनी चाहिए, मेरा विश्वास है कि हम यह कर सकते हैं, बाद में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मूंदड़ा ने कहा कि करेंसी नोट का कागज तैयार करने वाले कारखाने पर काम अंतिम चरण में है और जल्द ही देश में तैयार किए गए कागज पर ही नोट छापे जाएंगे। रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के मुताबिक, भारत हर साल 2,000 करोड़ करेंसी नोट छापता है और इसकी 40 प्रतिशत लागत कागज और स्याही के आयात में जाती है। केन्द्रीय बैंक जर्मनी, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों से कागज का आयात करता है।

निधि गुप्ता

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