(03/09/2016) 
अमित साह ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिती में फूट डालो राज्य करो की नीति अपनाई है : सूत्र
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिती में हार्दिक पटेल की मनमानी के चलते एक के बाद एक उनका साथी साथ छोड़ रहे हैं. साथ छोड़ने वालों का आरोप है कि हार्दिक मनमानी करता है इस कलह का षड्यंत्र रचियता बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को माना जा रहा है

पहले केतन और चिराग पटेल, फिर सूरत के कन्वीनर निखिल सवानी और उसके साथ दूसरे साथी और आरक्षण आंदोलन समिती के लोग अब हार्दिक पटेल का साथ छोड़ रहे हैं. दरअसल केतन पटेल और चिराग पटेल ने कुछ दिनों पहले एक खुला पत्र लिख कर हार्दिक पटेल पर आरोप लगाया था कि वे अपनी मनमानी करता है, उसने आंदोलन के जरिए पैसे इक्कट्ठे किए हैं. यह भी आरोप लगाया गया कि हार्दिक जेल में रहकर न सिर्फ करोड़पति बन गया है बल्कि वह आंदोलन का राजनीतिक फायदा भी उठा रहा है. निखिल सवानी ने भी यही आरोप लगाए हैं.
पिछले दिनों पाटीदार आंदोलन सरकार पर भारी रहा. इस वजह से आनंदीबेन पटेल को सीएम पद से इस्तीफा तक देना पड़ गया और पार्टी की अंदरूनी कलह बाहर आ गई. दरअसल विजय रुपानी को बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के रब्बर स्टैंप के तौर पर देखा जा रहा है. वैसे सूत्रों की माने तो अमित शाह ने पिछले एक महीने में पाटीदार आंदोलन में फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई है. वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत दयाल का कहना है कि पाटीदारों में इस फूट के लिए जहां हार्दिक के अपनी पर्सनैलिटी जिम्मेदार है, तो वहीं बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी आग में घी डालने का काम किया.
वहीं पास (पाटीदार अनामत आंदोलन समिती) में हार्दिक के साथी कोर कमेटी के सदस्य में हुई तोड़-फोड़ को राजनीतिक तौर पर बीजेपी पूरा-पूरा फायदा लेने कि कोशिश कर रही है. सरकार के डिप्टी मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने हार्दिक का नाम लिए बिना हार्दिक पर निशाना साधा और कहा कुछ लोग पाटीदार आंदोलन का फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं
देवेंद्र कुमार समाचार वार्ता
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