(05/01/2017) 
परिषद की लापरवाही, बेबस हुई पुलिस प्रशासन को ठेंगा दिखा रही हैं बंद पड़ी रेड लाईटें रेवाड़ी
लाखों रूपए खर्च करके लगाई गई थी रेड लाईटें रूट डायवर्ट होने से वाहन चालक परेशान आधा कि.मी. घूमकर पार करना पड़ रहा है चौराहा जाम के चलते रेंग-रेंग कर चलने को विवश वाहन आमजन भी आने लगे हैं जाम खुलने में आगे

एंकर: सुशासन और व्यवस्था परिवर्तन का राग अलापने वाली खट्टर सरकार के राज में प्रशासनिक अधिकारी किस कदर सरकारी नीतियों को पलीता लगा रहे हैं, इसका जीता जागता उदाहरण आपको रेवाड़ी शहर में आसानी से देखने को मिल सकता है, जहां लाखों रूपए खर्च करके यातायात को सुगम बनाने के लिए लगाई गई लालबत्तियां न केवल प्रशासन को ठेंगा दिखा रही हैं, बल्कि शहर की सडक़ों से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए भी परेशानी का सबब बनी हुई हैं। ऐसे में वर्षों बाद भी वाहन चालकों को यातायात जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पाई है।
रेंग-रेंग चलते दिखाई दे रहे ये वाहन और बंद पड़ी रेड लाईटें। ये नजारा कहीं और का नहीं, बल्कि रेवाड़ी शहर के प्रमुख चौराहों का है, जहां पूर्ववत्र्ती कांग्रेस सरकार के राज में नगर परिषद द्वारा शहर की यातायात व्यवस्था को दुरूस्त बनाने के लिए चौराहों पर रेड लाईटें लगाई गई थी। मगर यहां हैरान करने वाली बात यह है कि कुछ समय तो इन लाईटों ने सुचारू रूप से काम किया, लेकिन उसके बाद वर्षों से ये लाईटें बंद पड़ी हैं और प्रशासन के दावों को ठेंगा दिखा रही हैं तथा संबंधित विभाग हैं कि एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं।
शहर की यातायात व्यवस्था को दुरूस्त बनाने में लगी ट्रैफिक पुलिस भी बंद रेड लाईटों के आगे अपने आपको असहाय महसूस कर रही है और आए दिन लगने वाले यातायात जाम को खुलवाने के लिए मजबूरन उन्हें होमगार्ड का सहारा लेना पड़ रहा है। मगर बावजूद इसके शहर की सडक़ों से प्रतिदिन गुजरने वाले वाहन चालकों को जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है।
शहर में लगातार बढ़ रही यातायात जाम की समस्या को देखकर अब आमजन भी जाम खुलवाने के लिए आगे आने लगे हैं। हाथ में डंडा लिए जिस शख्स को आप चौराहे पर खड़ा देख रहे हैं, इसका नाम रघुवीर सिंह है। रघुवीर आटो चलाता है। रघुवीर का कहना है कि अकसर चौराहों पर पुलिस नजर नहीं आती, जिसके कारण मजबूरन वह अपना काम छोडक़र जाम खुलवाने के लिए खड़ा हो जाता है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यातायात जाम से निपटने में ट्रैफिक पुलिस नाकाम साबित हो रही है।
हालांकि यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए हाल ही में पुलिस प्रशासन द्वारा शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहे नाईवाली चौक पर रूट डायवर्ट किया गया है, जिससे यहां से गुजरने वाले वाहनों को अब करीब आधा किलोमीटर का सफर तय करके पुल के नीचे होकर निकलना पड़ रहा है। ऐसे में वाहन चालकों की परेशानी और बढ़ गई है।
वहीं लोगों का कहना है कि जब लाखों रूपए खर्च करके चौराहों पर लाईटें लगाई गई हैं तो उन्हें दुरूस्त कराया जाए, ताकि यातायात जाम की समस्या से उन्हें राहत मिल सके।
नगर परिषद के अधिकारी हैं कि अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। उनका कहना है कि आए दिन लगने वाले जाम को देखते हुए रूट डायवर्ट कर दिया गया है। जहां तक बंद पड़ रेड लाईटों का सवाल है तो उन्हें भी जल्द ठीक कराया जाएगा।
अब देखना यह होगा कि व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली खट्टर सरकार के अधिकारी क्या इस व्यवस्था को दुरूस्त कर पाएगा या लोगों को इस समस्या से इसी तरह दो-चार होना पड़ता रहेगा।
बाइट: राजबीर, वाहन चालक
बाइट: दिनेश, स्थानीय निवासी
बाइट: रघुबीर सिंह, आटो चालक
बाइट: विनोद कुमार, सिटी ट्रैफिक इंचार्ज
बाइट: मनोज कुमार, कार्यकारी अधिकारी (ईओ) नगर परिषद
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