(11/02/2017) 
आज से "हुनर के उस्तादों" की जानदार-शानदार विरासत का जलवा कनॉट प्लेस में
नई दिल्ली, 11 फरवरी, 2017: देश भर के अल्पसंख्यक समुदायों के कारीगरों के हुनर को हौसला देने और उन्हें देश-विदेश के मार्किट मुहैय्या कराने के उद्देश्य से अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा आयोजित दूसरे "हुनर हाट" का आज केन्र्दीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उद्घाटन किया। दूसरे "हुनर हाट" का आयोजन 11 से 26 फरवरी, 2017 के बीच स्टेट इम्पोरिया कॉम्प्लेक्स, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस में किया जा रहा है।


   
इस अवसर पर नकवी ने कहा कि "शिल्प और कुज़िन का संगम" थीम पर आधारित इस "हुनर हाट" की खासियत देश के विभिन्न हिस्सो में लाए गए शिल्प और पारंपरिक व्यंजन है। इस हाट का आयोजन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की उस्ताद योजना के तहत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) के माध्यम से किया जा रहा है।

"शिल्प और कुज़िन का संगम" का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के दस्तकारों की बेजोड़ कलाकृतियों तथा लज़ीज़ व्यंजनों की विरासत की प्रदर्शनी, प्रोत्साहन एवं बिक्री से, उनके हुनर को हौसला देना है।
नकवी ने कहा कि लगभग 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 100 कारीगरों और 30 बावर्ची अपने हुनर को लोगों के सामने रखेंगे। इस "हुनर हाट" में कुल 130 स्टॉल लगाए गए है, यहाँ कला और शिल्प के साथ-साथ देश के विभिन्न व्यंजनों का "बावर्ची खाना" भी है। इन कारीगरों में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता भी शामिल है। इस हाट में पहली बार हस्तशिल्प और हथकरघा के बेजोड़ नमुनों जैसे मकराना, संगमरमर के उत्पाद, सीकर से बंधेज, राजस्थान से मोजरी, तेलंगाना से बंजारा कढ़ाई, हाथ से बने ताले और डोर हैंडल के साथ अलीगढ़ की फूल-पत्ती का काम आदि बेचने के लाया गया है।
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राज्यो के व्यंजन विशेष द्वारा तरह-तरह के लज़ीज़ व्यंजनों को लाया गया है, इनमें लखनऊ का अवधी मुगलई, राजस्थान से दाल बाटी चुरमा, पश्चिम बंगाल से संदेश एवम् रसगुल्ला आदि शामिल है। नकवी ने कहा उन्हें पूरा भरोसा है कि पिछले साल नवम्बर में प्रगति मैदान में लगाए गए पहले "हुनर हाट" की तरह ही इस बार बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस पर आयोजित "हुनर हाट", "हुनर के उस्तादों" की जानदार-शानदार विरासत का जलवा बिखेरेगा।

कोमल शर्मा
समाचार वार्ता

 

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