(12/02/2017) 
मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को स्पोर्टस बनाना चाहती है
नई दिल्ली, 11 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को स्पोर्टस हब बनाना चाहती है। पूरे प्रदेश में 525 खेल नर्सरियां बनाई जा रही हैं जिन पर करीब 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी

 नई दिल्ली, 11 फरवरी।     हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को स्पोर्टस हब बनाना चाहती है। पूरे प्रदेश में 525 खेल नर्सरियां बनाई जा रही हैं जिन पर करीब 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 
मुख्यमंत्री आज यहां मोतीलाल नेहरू स्पोर्टस स्कूल राई में आयोजित तीन दिवसीय पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति अखिल भारतीय नेशनल स्टाईल कबड्डी प्रतियोगिता के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर राई स्पोर्टस स्कूल के हॉकी मैदान में हॉकी अकादमी के दो सेंटर फोर एक्सीलेंस रेजीडेंशियल (खेल नर्सरी)का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने स्कूल कैलेंडर का विमोचन किया और हॉकी पर हस्ताक्षर कर अकादमी को सौंपी। मुख्यमंत्री ने 60 बच्चों को किट भी प्रदान की।  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के स्मृति दिवस के अवसर पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक चिंतक, शिक्षाविद् व समाज सुधारक थे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान वर्ष को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी इस वर्ष को हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मना रही है। सरकार द्वारा अनेक योजनाएं शुरु की गई हैं। उन्होंने आज संपन्न हुई तीन दिवसीय राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में विजेता टीमों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से खिलाडिय़ों में नये जोश का संचार होता है। उन्होंने कुश्ती व कबड्डी को हरियाणा की माटी से जुड़े खेल बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि हर वर्ष 23 मार्च को शहीदी दिवस के अवसर पर 1 करोड़ की ईनामी राशि की कुश्ती प्रतियोगिता करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष आगामी 23 मार्च को यह प्रतियोगिता अंबाला छावनी में होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन के रूप में जो ईनामी राशि देती है उतनी पूरे विश्व में कहीं भी नहीं दी जाती। उन्हेांने कहा कि हरियाणा के खिलाडिय़ों ने ओलंपिक के साथ-साथ पैरालंपिक खेलों में भी प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा खेलों के अलावा देश की सुरक्षा में भी सबसे अव्वल भागीदारी कर रहा है। सेना में हर 10वां जवान हरियाणा से है। उन्होंने बताया कि युवाओं को स्व-रोजगार के योग्य बनाने के लिए उनका कौशल विकास किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश में कौशल विकास यूनिवर्सिटी भी बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार स्नातकोत्तर तथा विज्ञान विषय में स्नातक युवाओं को 100 घंटे कार्य उपलब्ध करवाकर 9000 रुपये प्रतिमाह देगी। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को एकात्म मानवतावाद का पुरोधा बताते हुए कहा कि उनके दिखाये गये मार्ग पर चलते हुए हरियाणा सरकार अंत्योदय की भावना से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उापाध्याय की स्मृति में जो प्रतियोगिता आयोजित हो रही है वह हिंदुस्तान की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है। उन्होंने बताया कि प्रथम, द्वितीय व तृतीय तथा चतुर्थ स्थान पर आने वाली टीमों को क्रमश: 1 करोड़, 50 लाख, 25 लाख तथा 11 लाख रुपये का ईनाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित करने से हरियाणा के हर गांव में कबड्डी को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।  इंडियन नेशनल कबड्डी फेडरेशन के अध्यक्ष जनार्दन गहलोत ने हरियाणा सरकार द्वारा करवाई गई राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि अन्य प्रदेशों को भी हरियाणा का अनुसरण करते हुए इस प्रकार की प्रतियोगिताएं करवानी चाहिए। उन्होंने बताया कि कबड्डी 33 देशों में खेला  जा रहा है और अब इसने क्रिकेट से भी ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर ली है। इस मौके पर परिवन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, सहाकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, सांसद रमेश कौशिक, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की चेयरपर्सन कृष्णा गहलावत, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव जैन, भारतीय कबड्डी फेडरेशन के अध्यक्ष जनार्दन गहलोत, डॉ० मृदुला, खेल एवं युवा कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ० के के खंडेलवाल, हरियाणा स्वर्ण जयंती उत्सव के संयोजक राजीव शर्मा, आयुक्त चंद्र प्रकाश, उपायुक्त के मकरंद पांडुरंग, एसडीएम निशांत यादव, डा. मृदुला, डा. ओमप्रकाश आत्रेय, अनिल झरोंठी, आजाद नेहरा, रविंद्र दिलावर, नवीन मंगला, किरणबाला, बिजेंद्र मलिक, राकेश मलिक, नीरज आत्रेय आदि गणमान्य मौजूद थे। 
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