(31/03/2017) 
रिहाई मंच प्रतिनिधिमंडल ने आत्मदाह की कोशिश करने वाले राजकुमार भारती से की मुलाकात
योगी राज में दलितों की स्थिति जानवरों से भी बदतर होने की सम्भावना. मंगल राम बलिया 30 मार्च 2017। रिहाई मंच प्रतिनिधिमंडल ने बलिया के नेवरी निवासी राजकुमार भारती और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनके कर्ज माफी के लिए सरकार से मांग की है।

 मंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राजकुमार का प्रार्थनापत्र न लेने को भाजपा सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया है। गौरतलब है कि 26 मार्च को मुख्यमंत्री के गोरखपुर दौरे के दौरान उन्हें प्रार्थनापत्र देने गए राजकुमार से जब मुख्यमंत्री नहीं मिले तो उन्होंन केरोसिन छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास किया था।रिहाई मंच प्रतिनिधिमंडल में शामिल रिहाई मंच जिला अध्यक्ष डाॅ अहमद कमालए सचिव मंजूर आलमए मंगल रामए राजशेखर रवि ने राजकुमार भारती के घर पहुंचकर उनसे पूरे मामले की जानकारी ली। राजकुमार भारती ने उन्हें बताया कि उन्होंने डूडा द्वारा संचालित एसईपी योजना के अंतर्गत अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए दो लाख रूपए की लोन की मांग की थी लेकिन उन्हें यूको बैंक से सिर्फ एक लाख रूपया ही मिला और उसके लिए भी उन्हें 4 महीने दौड़ने पड़े जिसमें 50 हजार रूपए और लग गए। बाकी के एक लाख के लिए 6 महीने बाद आने के लिए कह दिया गया। इसके पहले वो निजी ऋणदाताओं से भी एक लाख रूपए के कर्ज में थे जो उन्होंने अपने एनीमिया से जूझ रहे बीमार बेटे के इलाज और परिवार के भरण पोषण के लिए लिया था। एक छोटे और जर्जर घर में रहने वाले 11 लोगों के परिवार के मुखिया राजकुमार ने बताया कि जब उन्होंने सुना कि मुख्यमंत्री गोरखपुर आ रहे हैं तो उन्होंने अपनी पारिवारिक बदहाली का हवाला देकर कर्ज माफी के लिए एक प्रार्थनापत्र तैयार किया और मुख्यमंत्री को देने गोरखपुर चले गए। लेकिन वहां मुख्यमंत्री से उन्हें नहीं मिलने दिया गया। उन्होंने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी बुरी है कि गोरखपुर से वापस लौट कर अपने परिवार से मिलने की हिम्मत उनमें नहीं बची थी इसीलिए उन्होंने आत्मदाह कर के अपने जीवन को खत्म कर लेने का प्रयास किया। राजकुमार ने बताया कि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल के नेता ने उनसे मुलाकात नहीं की है और ना ही किसी तरह की कोई मदद प्रशासन की तरफ से उन्हें मिली है।दौरे के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के अध्यक्ष डाॅ अहमद कमाल और सचिव मंजूर आलम ने कहा कि इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि जिस दौरान राजकुमार आत्मदाह करने की कोशिश कर रहे थे उसी दौरान मुख्यमंत्री के अपने गायों को खिलाने की खबरें मीडिया में चल रही थीं। उन्होंने इस पूरे मामले को राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग के समक्ष उठाने की बात कही है।रिहाई मंच नेता मंगल राम ने कहा कि एक दलित की कर्ज माफी का प्रार्थनापत्र लेने के बजाए मुख्यमंत्री का गाय को खिलाते हुए फोटो खिचवाना साबित करता है कि योगी राज में गायों और दलितों में प्राथमिकता गायों को ही मिलेगी।
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