राष्ट्रीय (14/08/2015) 
किसानों को उनका हक मिलेगा- सांसद
कैथल :- राष्ट्रीय राजमार्ग 65 के बाईपास के लिये सरकार द्वारा अधिग्रहण कि जमीन के कम भाव के चलते किसानों द्वारा दिया गया धरना 26 वें दिन में तथा आमरण अनशन 12 वें दिन में प्रवेश कर गया। जिसको लेकर कई वार इस समस्या के हल के लिये बैठकों का दौर भी चला, परन्तु हल न होने के कारण अब कई दिनों से यह दौर भी बन्द है। इसी के चलते शुक्रवार को तीतरम मोड़ पर सुबह किसानों की एक बैठक हुई। उसके बाद हजारों की संख्या में किसान अपने वाहनों में सरकार का पुतला फुंकने के लिये कैथल रवाना हो गये। बैठक में किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम चढूनी ने बताया कि शनिवार 15 अगस्त को देश के लोग आजादी दिवस मना रहे होगे, वही प्रदेश के किसान आक्रोश दिवस मना रहे होगे। उन्होंने कहा कि देश के नेता कहते है कि आजादी मिल गई, परन्तु हम उनसे पूछते है कि आजादी किसानों को कहां मिली। उन्होंने कहा कि क्या किसान अपनी फसल का भाव अपने आप तय करके बेच सकता है? क्या किसान अपनी जमीन अपने दाम लगाकर बेच सकता है? क्या यह किसानों के साथ अन्याय नही है? उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को गढ़ी सांपला में होने वाली रैली के तुरन्त बाद आमरण अनशन के अलावा अगली रणनीति पर विचार किया जायेगा। एक तारीख तय करके तीतरम मोड़ पर प्रदेश के सभी किसानों की एक महापंचायत बुलाई जायेगी। इस अवसर पर सुलतान ग्योंग, राममेहर प्यौंदा, सुरेश कोथ, जगवीर आदि अनेक समिति सदस्य व किसान उपस्थित थे। आमरण अनशन पर बैठे किसानों कि तबियत स्थिर- गिल आमरण अनशन के 12 वें दिन शुक्रवार को भी आमरण अनशन पर बैठे किसान दरिया सिंह व चांद राम कि तबियत को सामान्य नही कह सकते। उनकी तबियत स्थिर बनी हुई। आज उनके खून के सैम्पल लिये गये थे, जो अभी सामान्य है। सिर्फ एक किसान को मामूली शुगर कि शिकायत है। उनका वजन दिन प्रति दिन कम हो रहा है, जो उनके स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। सांसद से मिल सकते है किसान ? इस बारे में जब सांसद राजकुमार सैनी से पूछना चाहा तो सांसद मुख्यमंत्री के साथ होने के कारण बात नही हो पाई, परन्तु उनके सचिव राजेन्द्र सिंह ने बताया कि सांसद के दरवाजे किसानों के लिये 24 घंटे खुले है। वे सी एम तो क्या पी एम के सामने भी इस समस्या को हल करने के लिये रख सकते है। यह कोई गम्भीर समस्या नही है। किसानों को उनका हक मिलेगा, बशर्त कि किसानों का एक शिष्टमंडल बिना किसी राजनैतिक नेता, बिना जात पात तथा बिना किसी यूनियन के आये। बाईपास रद्द होने से सांसद को भी ठेस पहुंची है।
राजकुमार अग्रवाल
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