बिज़नेस (10/10/2021)
भारतीय रेलवे ने दक्षिण मध्य रेलवे पहली बार, लंबी दूरी की दो मालगाड़ियों 'त्रिशूल' और 'गरुड़' का सफलतापूर्वक संचालन किया

भारतीय रेलवे ने दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) पर पहली बार दो लंबी दूरी की मालगाड़ियों “त्रिशूल” और “गरुड़” का सफलतापूर्वक संचालन किया है। लंबी दूरी की ट्रेनें, जो मालगाड़ियों की सामान्य संरचना से दोगुनी या कई गुना लंबी हैं, महत्वपूर्ण वर्गों में क्षमता की कमी की समस्या का एक बहुत प्रभावी समाधान प्रदान करती हैं। त्रिशूल दक्षिण मध्य रेलवे की पहली लंबी दौड़ है जिसमें तीन मालगाड़ियां, यानी 177 वैगन शामिल हैं। यह ट्रेन 07.10.2021 को विजयवाड़ा मंडल के कोंडापल्ली स्टेशन से पूर्वी तट रेलवे के खुर्दा मंडल के लिए रवाना हुई थी. एससीआर ने इसके बाद 08.10.2021 को गुंतकल डिवीजन के रायचूर से सिकंदराबाद डिवीजन के मनुगुरु तक इसी तरह का एक और गरुड़ नाम दिया । दोनों ही मामलों में लंबी दूरी की ट्रेनों में मुख्य रूप से थर्मल पावर स्टेशनों के लिए कोयले की लदान के लिए खाली खुले वैगन शामिल थे। एससीआर भारतीय रेल पर पांच प्रमुख माल ढुलाई वाले रेलवे में से एक है। विशाखापत्तनम-विजयवाड़ा-गुडुर- भीड़भाड़ वाले मार्गों पर पथ की बचत, त्वरित पारगमन समय, महत्वपूर्ण वर्गों के थ्रूपुट को अधिकतम करना, चालक दल में बचत लंबी दूरी की ट्रेनों को चलाने के प्रमुख परिचालन लाभ हैं, जो भारतीय रेल को अपने मालवाहक ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में मदद करते हैं। |
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