विशेष (26/05/2022)
अकाल तख्त के जत्थेदार के बयान पर नजर, देश में हथियारों की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है
अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सिखों से आधुनिक हथियार रखने की अपील को लेकर वाद-विवाद बरकरार है जो एक अलग मुद्दा है परंतु जत्थेदार के इस बयान के बाद एक बार फिर पंजाब में लाइसैंसी हथियार रखने वालों की चर्चा बन आई है। पंजाब में इस समय लगभग 5 लाख लाइसैंसी हथियार हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि पंजाब की सुरक्षा करने वाली पंजाब पुलिस के पास हथियारों की संख्या सवा लाख से कुछ अधिक ही है। वैसे भी आबादी के लिहाज से पंजाब देश में दूसरे स्थान पर है जहां पर लोगों के पास सबसे अधिक हथियार हैं और वे भी आधुनिक। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने एक दिन पहले पंजाब के युवाओं का आह्वान किया था कि, वे तलवारबाजी और निशानेबाजी का प्रशिक्षण लें और आधुनिक लाइसैंसी हथियार रखें क्योंकि देश का और पंजाब का माहौल ठीक नहीं है। उनके इस बयान की मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वड़िंग और भाजपा नेताओं ने आलोचना की है जबकि शिरोमणि अकाली दल इस मामले में मूक नजर आया। देश में उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जहां लोगों के पास 12 लाख से भी अधिक लाइसैंसी हथियार हैं। भौगोलिक रूप से उत्तर प्रदेश पंजाब के मुकाबले कई गुना अधिक बड़ा है। पहले दूसरा स्थान जम्मू-कश्मीर का था जिसे पंजाब ने पछाड़ दिया है। इसी वर्ष फरवरी माह में अन्य राज्यों के साथ पंजाब में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग के निर्देशों पर लोगों को लाइसेंसी हथियार जमा करवाने के आदेश दिए गए थे, तभी यह खुलासा हुआ था कि, पंजाब में इतने लाइसैंसी हथियार हैं। यह संख्या केवल लाइसैंसी हथियारों को लेकर है जबकि चुनाव के दौरान पुलिस ने बड़ी संख्या में अवैध हथियार भी बरामद किए थे। हथियारों की गुणवत्ता की बात करें तो पंजाब पुलिस के पास इंडियन ऑर्डिनैंस फैक्टरी में बने पिस्तौल हैं जबकि पंजाब में ऐसे लोगों की संख्या भी काफी है जिनके पास फुली ऑटोमैटिक विदेशों में बनी पिस्टल और अमरीका में बनी मैग्नम जैसी पिस्टल मौजूद हैं। बताते हैं कि, ये पिस्टल इतनी जबरदस्त हैं कि दूर तक तो मार करती ही हैं, साथ में मजबूत चीज को भी भेद देती हैं। मालवा क्षेत्र के लोगों का क्रेज हथियार रखने की तरफ कितनी शिद्दत के साथ बढ़ा है जबकि कभी माझा क्षेत्र का गुरदासपुर लाइसैंसी हथियार रखने में सबसे आगे था। हथियारों में अधिकतर युवा 32 बोर का कानपुरी रिवाल्वर रखते हैं जिसकी कीमत 80 हजार से अधिक है। पंजाब के ग्रामीण अंचल में भूमि अथवा सिंचाई पानी के विवाद को लेकर हथियारों के इस्तेमाल के मामले भी बेशुमार हैं जबकि पंजाबी गीतों में हथियारों के इस्तेमाल को लेकर ङ्क्षहसा के मामले भी सामने आ चुके हैं। स्व-रक्षा में भी लाइसैंसी हथियारों का इस्तेमाल कम ही नजर आया है जबकि पिछले 2 माह से कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटनाएं भी सीधे-सीधे हथियारों के इस्तेमाल से जुड़ी हैं। पंजाब से अश्वनी ठाकुर की रिपोर्ट |
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