विशेष (06/07/2022) 
क्षेत्रीय पुस्तकालय, सरोजिनी नगर में हुआ, नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के महानिदेशक डॉ. आर. के. शर्मा के मार्गदर्शन में, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा 75 वां आज़ादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अनुक्रम में क्षेत्रीय पुस्तकालय, सरोजिनी नगर में भारत सरकार के  संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री  अर्जुन राम मेघवाल एवं  संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री  मीनाक्षी लेखी ने संयुक्त रूप में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया I  संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री  मीनाक्षी लेखी ने  नेताजी की आज़ाद हिन्द फौज का तेज कदम ताल गीत “कदम कदम बढ़ाये जा” की धुन की  प्रासंगिकता को बताते हुए कहा कि इस गीत से प्रेरित होकर हमें निरंतर प्रगति के पथ पर चलते रहने होगा । उन्होंने कहा कि, नेताजी वह व्यक्ति थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश पर न्यौछावर कर दिया । उन्होंने कहा कि हमें हमारे  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के समान देश के विकास के लिए निरंतर कार्यरत रहने का प्रण लेना चाहिए । मुख्य अतिथि संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री भारत सरकार   अर्जुन राम मेघवाल ने  नेताजी के राष्ट्रभक्ति के भाव पर चर्चा करते हुए, एक वृतांत को सभी से सांझा करते हुए बताया कि, नेताजी अपने राष्ट्र के प्रति इतने संवेदनशील थे कि अपने देश की माटी तक को किसी को विदेश नहीं ले जाने देना चाहते थे । इस सम्बन्ध में उन्होंने नेताजी की देश भक्ति का एक बहुत ही अनुपम वृत्तांत कथा के माध्यम से सुनाया और कहा कि ऐसी देशभक्ति हर भारतीय के मन में मौजूद होनी चाहिए  I उन्होंने कहा कि, आज सूचना प्रोद्योगिकी के इस युग मेंभी पुस्तकालयों का उपयोग बढ़ता जा रहा है I सभी को अध्ययन के लिए शांत वातावरण की आवश्य्कता है , इसलिए पुस्तकालयों की उपयोगिता कभी कम नहीं होगी I अपने अध्यक्षीय भाषण में सुभाष चंद्र कानखेड़िया, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड ने कहा कि, जो भी व्यक्ति भारत के स्वतंत्रता संग्राम की थोड़ी भी जानकारी रखता है, उसे नेताजी का नाम ज्ञात न हो ऐसा नही हो सकता है । 5 जुलाई का दिन नेताजी की प्रतिमा का अनावरण हेतु चयनित करने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि, आज के ही दिन वर्ष 1943 में आज़ाद हिंद फौज के सुप्रीम कमांडर के रूप में नेताजी ने दिल्ली चलो,का नारा दिया । उन्होंने 30 दिसंबर 1943 में अंडमान निकोबार में सर्वप्रथम आज़ाद हिन्द फ़ौज का झंडा फहराकर उसे अंग्रेजों से मुक्त किया । विशिष्ट अतिथि  राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीकृष्ण देव राव ने  प्रतिमा का अनावरण करते समय उन्हें एक अकल्पनीय भाव का आभास हुआ, जो कि नेताजी के शक्तिशाली व्यक्तित्व का ही कमाल है । मैंने एक अनोखा तेज अपने अन्दर महसूस किया, जो शायद सभी ने महसूस किया होगा I नेताजी ने भारत की स्वतंत्रता हेतु आजीवन कई बलिदान दिए । उन्होंने श्रोताओं के सम्मुख नेताजी का जीवन वृतांत प्रस्तुत करते हुए बताया कि, वह स्वामी विवेकानंद जी से अत्यंत प्रभावित थे । नेताजी भारतीय राष्ट्रवाद का प्रतीक थे । 48 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु अभी भी एक रहस्य है । पुस्तकालयों के सामाजिक योगदान पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि, पुस्तकालय शब्दों के भीतर एक नयी दुनिया खोलने का कार्य करते हैं । दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के महानिदेशक डॉ. आर. के. शर्मा ने  कहा कि ,भारत अपनी आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, जिसमें हम अपने सभी स्वतंत्रता सेनानियों के जन्मदिन,जन्मशती एवं स्मरणोत्सव विशेष रूप से मनारहे हैं । उन्होंने यह भी बताया कि, पुस्तकों के प्रति लोगों की यह धारणा बन गई है कि कंप्यूटर के आने से पुस्तकालयों का प्रयोग बंद हो गया है, परंतु ऐसा नहीं है I वर्तमान में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की प्रमुख शाखाओं में प्रतिदिन 250 से भी अधिक पाठक सेवाओं का लाभ ले रहें हैं । उन्होंने दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी कीआने वाली कार्यक्रम योजनाओं पर प्रकाश डाला । साथ ही, उन्होंने दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं से भी सभी को अवगत करवाया । दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा चलाये जा रहे "ज्ञान गंगा दिशा केंद्र" पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी इस कार्यक्रम के माध्यम से सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहे मध्यवर्गीय पाठकों के लिए मार्गदर्शन हेतु नव चयनित आईएएस. अधिकारियों को आमंत्रित कर लेक्चर आयोजित करती है I उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी  अतिथिगणों, श्रोताओं, आईटीबीपी बैंडवादकों, स्टाफ सदस्यों, पुस्तकालय विज्ञान के विशेषज्ञों तथा पाठकों का आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम को गरिमा प्रदान करने के लिए सभी को धन्यवाद दिया Iअंत में उन्होंने  नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण के लिए दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी का अभिनन्दन किया तथा अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की तथा कुशल मंच संचालन के लिए सुश्री संध्या की भी प्रशंसा की     कार्यक्रम में दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के सदस्य   दानिश इकबाल,  परीक्षित डागर,  डॉ. रुचिका राय मदान एवं विभा लाल चावला विशेष रूप से उपस्थित रहे I

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