विशेष (03/08/2022) 
डॉ आसिफ़ उमर की पुस्तक "हिंदी साहित्य में मुस्लिम साहित्यकारों का योगदान" का विमोचन सम्पन्न 

 ( विजय गौड़ ब्यूरो चीफ ) डॉ आसिफ़ उमर, असिस्टेंट प्रोफेसर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा लिखित पुस्तक "हिंदी साहित्य में मुस्लिम साहित्यकारों का योगदान" का विमोचन ख़ुसरो फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित एवं इस्लामिक इंडिया कल्चरल के सहयोग से इस्लामिक इंडिया कल्चरल सेंटर लोधी रोड में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। पुस्तक विमोचन वरिष्ठ पत्रकार तथा विचारक श्री वेद प्रताप वैदिक के कर कमलों द्वारा हुआ। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मणिपुर की हलीमा अज़ीज़ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर डॉ अफ़रोज़ुल हक़, विशिष्ट अतिथि के रूप में निदेशक लेखापरीक्षा (वित्त एवं संचार) भारत सरकार के डायरेक्टर श्री मोहम्मद परवेज़ आलम उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रोफेसर अख़्तरुल वसी, रोहित खेड़ा, सिराजुद्दीन कुरैशी तथा रंजन मुखर्जी ने सफलता पूर्वक संचालन किया। कार्यक्रम का आरंभ अख़्तरुल वसी साहब ने मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य अथितियों के स्वागत के साथ किया उसके साथ ही मंच पर उपस्थित सभी विद्वानों ने बारी बारी से पुस्तक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पुस्तक के मूल बिंदुओं पर भी चर्चा की। उन्होंने पुस्तक को आज के मौजूदा हालात से जोड़ते हुए हिन्दू मुस्लिम सौहार्द की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मुख्य अतिथि वेद प्रताप वैदिक जी ने कहा कि यह पुस्तक गंगा जमुनी तहज़ीब को समझने में सहायक सिद्ध होगी। इस प्रकार की पुस्तक की समाज को बहुत आवश्यता है। विशिष्ट अतिथि अफ़रोज़ुल हक़ ने पुस्तक के संदर्भ में बताया कि इस पुस्तक को पढ़ने से हिंदी और हिंदी साहित्य को लेकर एक समझ विकसित होगी। पुस्तक के संदर्भ में यह भी कहा गया कि हिंदी साहित्य मुस्लिम रचनाकारों के बिना अधूरा है। जैसे उर्दू साहित्य हिदू लेखकों के बिना अधूरा है। तकरीबन सभी विद्वानों में इस पुस्तक को हिंदी साहित्य की एक बड़ी उपलब्धि बताया। दिलचस्प बात यह है कि भारी बारिश में भी प्रोग्राम में शिरक़त करने के लिए जामिया, जेएनयू तथा डी यू से प्रोफेसर, स्कॉलर तथा विद्यार्थी उपस्थित हुए। दर्शकों से खचाखच भरे हॉल में पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी। हॉल से बाहर भी लोग प्रोग्राम में उपस्थित अतिथिगण को सुनने के लिए खड़े थे। प्रोग्राम की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अगले दिन पुस्तक विमोचन की खबर देश विदेश के अनेक बडे समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी। ब्यूरो चीफ विजय गौड़ को डॉ तबस्सुम जहां ने बताया कि यह उनके  लिए गर्व की बात है कि वह भी इस प्रोग्राम का हिस्सा बनी। उन्होंने दावा किया कि यक़ीनन यह पुस्तक आने वाले शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सामग्री प्रदान करेगी।

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