विशेष (25/08/2022) 
पंचायत भूमि घोटाला: पूर्व मंत्री, 2 आई.ए.एस. अधिकारियों सहित इन पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार

पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, संगत सिंह गिलजियां और भारत भूषण आशु के बाद, पंजाब की पूर्व सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री की गिरफ्तारी की तैयारी हो रही है। पंचायती भूमि घोटाले की जांच में पूर्व पंचायत विकास मंत्री, 2 आई.ए.एस. अधिकारियों, एक विधायक और एक पूर्व विधायक को शामिल पाया गया है। पंचायत विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि, इस मामले की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंप दी गई है। पंचायत मंत्री के अनुसार चूंकि इस मामले में आई.ए.एस. अधिकारी भी शामिल हैं इसलिए कार्रवाई के लिए अनुमति मुख्यमंत्री से मांगी गई है। पूर्व कांग्रेस सरकार में अमृतसर-जालंधर मार्ग पर स्थित गांव भगतुपुरा पंचायत की जमीन को कुछ बिल्डरों की मिलीभगत से बहुत कम कीमत पर अनैतिक रूप से मंजूरी दी गई थी। उस समय चुनाव आचार संहिता लागू थी। ऐसा वर्तमान सरकार का दावा है कि इससे सरकारी खजाने को 28 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। इस जमीन को 43 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से बेचा गया था जबकि इसका बाजार मूल्य 7.5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ था। गांव में अल्फा इंटरनैशनल सिटी कालोनी की स्थापना के लिए 150 एकड़ भूमि के बीच की 4 एकड़ जमीन पंचायत की थी और इसकी बिक्री के लिए संबंधित अधिकारियों और मंत्री की मंजूरी जरूरी थी। 11 मार्च, 2022 की शाम को तत्कालीन पंचायत मंत्री द्वारा अनुमोदन पर हस्ताक्षर किए गए थे। हालांकि, उसी दिन सुबह तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कैबिनेट को बर्खास्त कर दिया गया था और आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार बनाई थी। अनुमोदन पारित होने के साथ ही पंचायत भूमि का पंजीकरण 19 अप्रैल, 2022 को किया गया था।
आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आते ही इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था जिसमें संयुक्त विकास आयुक्त अमित कुमार, ग्रामीण विकास के संयुक्त निदेशक सर्बजीत सिंह और वरिष्ठ कानून अधिकारी जोहरिंदर सिंह आहलूवालिया शामिल थे। पंचायत विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि मामला करोड़ों रुपयों के गबन का है, इसमें कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच मुकम्मल हो गई थी और आगामी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मोहाली के गांव माजरी की 3603 एकड़ पंचायत भूमि के घोटाले की जांच भी लगभग पूरी होने को है। माजरी वाले मामले की जांच विजीलैंस कर रही है। गौरतलब है कि इस मामले में राजस्व विभाग और भू-माफिया की मिलीभगत से फार्म हाऊस लीज पर दिए गए थे। पंचायत मंत्री ने कहा कि इस मामले में भी अधिकारियों समेत बड़ी मछलियां शामिल हैं। प्रभावशाली राजनेताओं, नौकरशाहों और अन्य लोगों ने पहाड़ियों और चौ सहित पंचायत की जमीन पर कब्जा कर लिया था। 2 माह पूर्व चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के जनता दरबार में इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद जांच शुरू हुई। यह शामलात भूमि हड़पने का घोटाला था।

पंजाब से अश्वनी ठाकुर की रिपोर्ट

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