विशेष (18/11/2022) 
सत्र भारत के विज्ञान, आध्यात्मिकता और व्यावहारिकता का सार है : प्रो-कुलपति प्रो. सुषमा यादव
जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ वाइस चांसलर एंड एकेडेमिशियंस (एआईएवीसीए), नई दिल्ली के सहयोग से 'गौरवशाली भारतीय शिक्षा नीति 2020' पर व्याख्यान सत्र का आयोजन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि प्रो. कुलपति हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रो-कुलपति  प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि यह सत्र समकालीन भारत के विज्ञान, आध्यात्मिकता और व्यावहारिकता का सार प्रस्तुत करता है।

व्याख्यान सत्र का संचालन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन सेल (आईआईसी) द्वारा किया गया। 

कुलपति जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वाईएमसीए,  प्रो सुशील कुमार तोमर, जो एआईएवीसीए के उपाध्यक्ष भी हैं, ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 देश की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली के भारतीयकरण की दिशा में एक ठोस कदम है और विश्वविद्यालय एनईपी-2020 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है।
अपने संबोधन में मुख्य वक्ता हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. के.सी. शर्मा  ने कहा कि भारत को अपनी पुरानी संस्कृति और शिक्षा को अपनाना होगा। नई शिक्षा नीति उसी पर आधारित है, हालांकि इसमें और सुधार की गुंजाइश है।सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2.5 लाख से अधिक सुझावों को स्वीकार किया गया था। यह नीति उन लोगों की पहचान करने में मदद करेगी जो पूरी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ है।
एआईएवीसीए के अध्यक्ष प्रो. लोकेश शेखावत जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व कुलपति ने कहा कि भारत योद्धाओं का देश है। इसलिए, जब तक हम सब एक साथ लक्ष्य की ओर केंद्रित रहेंगे, तब तक सभी बाधाओं से आसानी से निपटा जा सकता है।
सत्र का समन्वय डीन (कॉलेज) प्रो. तिलक राज और निदेशक (आईक्यूएसी) प्रो. आशुतोष दीक्षित ने किया। फरीदाबाद शहर के विभिन्न कॉलेज से प्रातिनिधियोँ ने सत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर एआईएवीसीए के महासचिव डॉ. रणदीप सिंह, पूर्व प्राचार्य भगवती राजपूत और डीएवी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सविता भगत भी मौजूद रहीं।
विजय गौड़ ब्यूरो चीफ की विशेष रिपोर्ट 


Copyright @ 2019.