विशेष (11/02/2023) 
महरौली में डीडीए का कड़ी सुरक्षा के बीच चला अतिक्रमण विरोधी अभियान, तोड़े 50 फ्लैट, पुलिस पर पथराव ko
दिल्ली के महरौली में डीडीए ने कड़ी सुरक्षा के बीच अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। इस दौरान अभियान के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन मौके पर सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे। हाईकोर्ट के आदेश के तहत डीडीए ने शुक्रवार को महरौली स्थित घुसिया कॉलोनी में चार इमारतों में बने करीब 50 फ्लैट को बुलडोजर से तोड़ दिए। इससे गुस्साए कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। वहीं, तोड़फोड़ का विरोेध करने आए आप नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।

डीडीए के अधिकारी शुक्रवार की सुबह दलबल के साथ घुसिया काॅलोनी में पहुंचे। जानकारी मिलते ही प्रभावित लोग घरों से निकल आए। इस दौरान उन्होंने पहले डीडीए अधिकारियों से तोड़फोड़ नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने अपने मकानों के दस्तावेज भी उनको दिखाए, लेकिन डीडीए के अधिकारियों ने एक नहीं सुनी। उन्होंने बताया कि यह जमीन महरौली पुरातत्व पार्क का एक भाग है। इसके अलावा मकान तोड़ने के लिए हाईकोर्ट ने आदेश दिए है।

डीडीए अधिकारियों ने सुनवाई नहीं करने के बाद लोग बुलडोजरों के सामने खड़े होेकर नारेबाजी करने लग गए। इस दौरान आप के कुछ नेता भी आ गए और वे भी लोगों को एकजुट होकर विरोध करने की सलाह देने लग गए। इसी बीच पुलिस अधिकारियों ने अतिरिक्त बल बुला लिया और उसके बाद पुलिस ने लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। लोगों ने पुलिस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया और कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।

इस कारण पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। लिहाजा लोगों का हौंसला टूट गया और वे तितर-बितर हो गए। इससे पहले पुलिस ने आप नेताओं को हिरासत में ले लिया।

 पुलिस की ओर से लोगों को खदेड़ने के बाद डीडीए के बुलडोजरों ने फ्लैट तोड़ने की कार्रवाई आरंभ की। इस दौरान भी दूर खड़े लोगों ने डीडीए के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी, लेकिन भारी पुलिसबल मौजूद होने के कारण वे अपने फ्लैटों को टूटने से नहीं बचा सके। इस बीच स्थानीय लोग हाई कोर्ट से तोड़फोड़ रोकने का आदेश ले आए, मगर जब तक डीडीए ने दो इमारतों को पूरी तरह तोड़ दिया, जबकि दो अन्य इमारतों के हिस्से को तोड़ा। इन चारों इमारत में करीब 50 फ्लैट बने हुए थे, जिन्हें डीडीए ने तोड़ दिया है।

 स्थानीय लोगों के पास मकानों की रजिस्ट्री है। उनके यहां पानी व बिजली का कनेक्शन लगा हुआ है। इसके अलावा वह संपत्ति कर भी जमा करा रहे है। लोगों ने बताया कि उनके पास मकान तोड़ने का नोटिस नहीं भेजा गया। उन्होंने यह फ्लैट 30 से 40 लाख रुपयेे में खरीदे है। उन्होंने फ्लैट खरीदने के दौरान सभी कागजों को जांचा परखा था। उसके बाद रजिस्ट्री भी हुई, इसके बाद उनके फ्लैट्स अवैध कैसे हो गए है।

 पुलिस के कड़े रुख के बाद डीडीए की कार्रवाई शुरू होने के दौरान लोग बेबस हो गए। उनके मकानों पर जब बुलडोजर चलना शुरू हुआ तो आंखों से आंसू आ गए। महिलाएं व बच्चे तो जोर-जोर से रोने लगे और अपने मकानों को नहीं तोड़ने के लिए दौड़ने लगे, लेेकिन पुलिस ने उनको आगे नहीं बढ़ने दिया। इस तरह उन्होंने अपनी पूरे जीवन की कमाई से खरीदे मकान को बेबस होकर टूटता देखते रहे।

डीडीए ने कहा कि घुसिया कॉलोनी में करीब 250 मकान टूटने है। शनिवार को भी मकान तोड़ने की कार्रवाई जारी रखेगी। दरअसल यहां रह रहे कुछ लोग ही तोड़फोड़ के खिलाफ हाई कोर्ट गए थे थे। इस कारण उनके मकानों को छोड़कर अन्य मकानों को तोड़ने की कार्रवाई जारी रहेगी। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को डीडीए को पुलिसबल देने के संबंध में अवगत करा दिया है।
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