राष्ट्रीय (16/06/2014)
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हजारों प्राइमरी शिक्षकों की कमी
दिल्ली के
सरकारी स्कूलों में प्राथमिक अध्यापकों के खाली पड़े हजारों पदों पर स्थायी
नियुक्तियां करने में सरकार और प्रशासन की नाकामी से लाखों बच्चों का
भविष्य अंधकारमय हो गया है। यूनिटी फॉर डवलपमेंट संस्था के अध्यक्ष आनंद
राणा ने कहा है कि दिल्ली अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड डीएसएसएसबी द्वारा पिछले
साल सितंबर महीने में 1000 खाली पदों और इस साल फरवरी में 6500 खाली पदों
के लिए आयोजित की गई लिखित परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं हो पाना प्रशासन
की घोर लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना रवैये को उजागर करता है। उन्होंने
केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी और दिल्ली के
उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से आग्रह किया है कि डीएसएसएसबी को तुरंत रिजल्ट
निकालने के आदेश दें ताकि गर्मी की छुट्टियों खत्म होने से पहले नियमित
प्राथमिक अध्यापकों को स्कूलों में नियुक्त किया जा सके।
गौरतलब है कि
दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के सरकारी सकूलों में प्राथमिक अध्यापकों
की भारी कमी को देखते हुए वर्ष 2009 में भर्ती निकाली गई थी। दिल्ली
अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड डीएसएसएसबी ने इस बीच कई बार परीक्षा करवाने के लिए
आवेदकों को रोल नम्बर जारी किये लेकिन लिखित परीक्षा किसी न किसी बहाने
टाली जाती रही। आखिरकार सितंबर 2013 में दिल्ली सरकार के स्कूलों हेतु 1000
खाली पदों और फरवरी 2014 में दिल्ली नगर निगम के 6500 खाली पदो ंके लिए
परीक्षा आयोजित की गई। करीब पांच साल से परीक्षा देने का इंतजार कर रहे
लगभग 40 हजार आवेदकों का उम्मीद थी कि अब जल्द ही डीएसएसएसबी रिजल्ट की
घोषणा कर देगा लेकिन आज तक रिजल्ट नहीं निकाला गया है। यूनिट्ी फॉर
डवलपमेंट संस्था के अध्यक्ष आनंद राणा और महासचिव देव डागर ने आरोप लगाया
है कि डीएसएसबी के वरिष्ठ अधिकारी जानबूझकर और बिना किसी ठोस वजह के रिजल्ट
को रोके हुए हैं। यह सीधा सीधा लाखों छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ
खिलवाड़ हैं।
संस्था ने
उपराज्यपाल श्री जंग से गुहार लगाई है कि डीएसएसएसबी की कार्यप्रणाली को
सुधारने के लिए ठोस फैसले लें। खाली पदो ंके लिए भर्ती विज्ञापन निकालने के
बाद डीएसएसबी कई बार सालों तक लिखित परीक्षा का आयोजन करने में नाकामयाब
रहता है। और अगर परीक्षा आयोजित होती है तो रिजल्ट को लटका कर रखा जाता है।
प्राथमिक अध्यापक परीक्षा में शामिल हुए करीब 40 हजार आवेदकों में रिजल्ट
की घोषणा नहीं होने के चलते भारी रोष है।
केन्द्र सरकार और उपराज्यपाल को इस मामले में संज्ञान लेते हुए तुरंत रिजल्ट जारी करवाने का आदेश डीएसएसबी चैयरमेन को देना चाहिए। |
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