राजधानी दिल्ली के यमुना तट पर स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में गुरुवार को दीपावली का पर्व अत्यंत धूमधाम और भक्ति के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर देश और विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर आध्यात्मिक वातावरण में डूबे इस भव्य आयोजन का आनंद लिया।
पर्व से एक दिन पहले चतुर्दशी को परम पूज्य डॉक्टर स्वामी (स्वयंप्रकाश स्वामी) की उपस्थिति में हनुमान जी का विशेष पूजन संपन्न हुआ, जिसमें हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। भक्तों ने हनुमान जी और माँ काली की आराधना कर नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने की कामना की। महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा से किए गए इस विशेष पूजन में श्रद्धालुओं को हनुमान जी के आदर्शों से प्रेरणा लेने का संदेश दिया गया।
दीपावली के पावन दिन पर सुबह दस बजे से बारह बजे तक मंदिर में बहिपूजन का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में हरिभक्त अपने बहिखातों के साथ इस पूजन विधि में शामिल हुए। वैदिक मंत्रों की गूंज के साथ देवी लक्ष्मी और सरस्वती की वंदना की गई, और संतों ने वैदिक अक्षरपुरुषोत्तम के गान से वातावरण को पवित्रता और दिव्यता से भर दिया।
यह उत्सव वर्ष 2005 में प्रमुखस्वामी महाराज की उपस्थिति में पहली बार दिल्ली अक्षरधाम में मनाया गया था। तबसे यह परंपरा भक्तों के दिलों में धर्म, भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का दीपक जलाकर उन्हें निरंतर प्रेरित करती आ रही है। इस वर्ष मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और दीपों से सजाया गया, जिसमें महिला और पुरुष स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा। दो सप्ताह पहले से ही भक्तगण उत्सव की तैयारियों में जुट गए थे, और दीपों की रोशनी में नहाए इस परिसर ने भक्ति का अद्वितीय माहौल बना दिया।
डॉक्टर स्वामीजी ने अपने आशीर्वचन में कहा, “यह दीपावली आप सभी के जीवन में शांति और समृद्धि का प्रकाश लेकर आए। भगवान और गुरु महंत स्वामीजी के चरणों में प्रार्थना है कि आपके जीवन में ज्ञान का प्रकाश हो और अज्ञान का अंधकार नष्ट हो जाए।”
इस अवसर पर उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की और दीपावली पूजन में विश्वशांति की कामना की। इस भव्य आयोजन में भक्तों ने न केवल पूजन और आराधना का आनंद लिया, बल्कि उनके जीवन में दिव्यता और भक्ति की एक नई रोशनी भी प्रज्ज्वलित हुई।