नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 के शुभारंभ पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों के सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम दिलाने के लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPOs) की संख्या बढ़ानी होगी। साथ ही, देश में अमूल जैसे 5-6 और सहकारी संगठन बनाने की जरूरत पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती को मिशन मोड में आगे बढ़ाने और किसानों को इससे जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स (SHGs) को सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों (MSMEs) से जोड़कर उनके उत्पादों के ब्रांडिंग, पैकेजिंग और गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण आय के विविधीकरण, सस्ती सिंचाई, माइक्रो-इरिगेशन और ग्रामीण उद्यमों के निर्माण को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने ‘अमृत सरोवर’ की सामूहिक देखभाल और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे अभियानों में सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया।
ग्रामीण भारत महोत्सव 4 से 9 जनवरी तक “गांव बढ़े, तो देश बढ़े” के नारे और “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य के साथ आयोजित हो रहा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के सांस्कृतिक धरोहर और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना है। महोत्सव में महिलाओं के सशक्तिकरण, ग्रामीण नवाचार और आर्थिक स्थिरता पर चर्चा होगी।
इस मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यमंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों का विकास ही विकसित भारत की नींव है।