दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (ISC) ने एक बड़े ऑपरेशन में 12 साल से फरार अपहरण, फिरौती और हत्या के दोषी बेघराज को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी 2012 में पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था और अपनी पहचान छिपाने के लिए बार-बार स्थान बदलता रहा।
2004 में नरेला के रहने वाले राधेश्याम ने अपने 8 साल के बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। जल्द ही अपहरणकर्ताओं ने 2 लाख रुपये की फिरौती मांगी। पुलिस ने जांच में बेघराज और उसके साथियों किरण और धर्मवीर को संदेह के घेरे में लिया। पूछताछ के बाद पता चला कि उन्होंने बच्चे की हत्या कर शव को यूपी के खतौली में गन्ने के खेत में फेंक दिया।
2007 में अदालत ने बेघराज और किरण को उम्रकैद की सजा सुनाई। 2012 में पैरोल पर रिहाई के बाद बेघराज जेल वापस नहीं लौटा और फरार हो गया।
क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी की लोकेशन ट्रैक करने के लिए 12 साल तक निगरानी की। आरोपी ने अपनी पहचान छिपाने के लिए नाम बदलकर “अनिल कुमार” रखा और पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मजदूरी करते हुए अपने ठिकाने बदलता रहा। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मुजफ्फरनगर से उसे गिरफ्तार कर लिया।
क्राइम ब्रांच ने कहा कि यह गिरफ्तारी तकनीकी विशेषज्ञता और टीम के समर्पण का परिणाम है। आरोपी को जेल प्राधिकरण को सौंप दिया गया है।