दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 2020 से फरार चल रहे एक खतरनाक अपराधी पप्पू यादव को बिहार से गिरफ्तार किया है। पप्पू यादव पर पालम गांव थाना क्षेत्र में दर्ज एफआईआर नंबर 99/2020 के तहत अपहरण, हत्या और दहेज हत्या जैसे गंभीर आरोप थे। उसे कोर्ट द्वारा “घोषित अपराधी” घोषित किया गया था।
शिकायतकर्ता शंभू यादव ने 26 जनवरी 2020 को पालम गांव थाने में अपनी बेटी शिवानी और दामाद नीरज यादव समेत उनके परिजनों की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शंभू यादव ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को लगातार दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था, और उन्हें संदेह था कि उनकी बेटी के साथ कोई अनहोनी हो सकती है। जांच के दौरान, शिवानी के पति और ससुरालवालों को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने यह स्वीकार किया कि 18 जनवरी 2020 को उन्होंने शिवानी की हत्या कर दी थी। बाद में उनके बयान के आधार पर शिवानी का शव द्वारका सेक्टर 19 के पास एक नाले से बरामद किया गया।
इस मामले में पप्पू यादव, जो कि मुख्य आरोपी नीरज यादव का मामा है, 19 जनवरी 2020 को टाटा एस गाड़ी लेकर घटनास्थल पर पहुंचा था। उसने शिवानी के शव को एक बोरे में पैक किया और उसे द्वारका सेक्टर 19 के नाले में फेंक दिया। इसके बाद वह दिल्ली से फरार हो गया
पप्पू यादव की गिरफ्तारी के लिए इंस्पेक्टर योगेश और विनोद यादव के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई दीपेंद्र, गुरमीत, इमरान और देवी दयाल के साथ एएसआई उमरदीन, एचसी पर्मानंद, राजबीर, आशीष, राम नरेश और सिपाही कुलदीप शामिल थे। एसीपी उमेश बर्थवाल के निर्देशन में इस टीम ने आरोपी की गतिविधियों पर नजर रखी और तकनीकी निगरानी की मदद से बिहार शरीफ, नालंदा में उसकी गिरफ्तारी की। पप्पू यादव को धारा 35.1 (डी) बीएनएसएस के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया।
पप्पू यादव, जो नालंदा, बिहार का निवासी है, ने 7वीं तक पढ़ाई की है और उसकी दो शादियां हुई हैं। उसकी पहली पत्नी और दो बच्चे नालंदा में रहते हैं, जबकि दूसरी पत्नी सोहसराय, नालंदा में रहती है। आर्थिक तंगी के कारण पप्पू यादव दिल्ली आया और यहां पर पहले हेल्पर के रूप में और बाद में ड्राइवर के रूप में काम करने लगा। हत्या के बाद, वह दिल्ली से भाग गया और बिहार में मजदूरी और ड्राइविंग का काम करते हुए अपनी जगह बदलता रहा।